





जयपुर/जोधपुर (अभय इंडिया न्यूज)। नाबालिग के यौन उत्पीडऩ के आरोप में पिछले पांच साल से जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद आसाराम का फैसला 25 अप्रैल को सुनाया जाएगा। इस बीच जोधपुर पुलि सतर्क हो गई है। पुलिस को आशंका है कि कहीं गुरमीत राम रहीम के समर्थकों की तरह आसाराम के समर्थक भी हिंसा पर उतारू न हो जाए। जोधपुर पुलिस आयुक्त की ओर से राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा गया है कि फैसले के दिन आसाराम को कोर्ट में पेश करने से छूट दी जाए। जस्टिस गोपालकृष्ण व्यास की कोर्ट में कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए पेश की गई याचिका में कहा गया है कि फैसले के दिन आसाराम के समर्थक बड़ी संख्या में जोधपुर पहुंच सकते हैं, ऐसे में कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है। इस मामले में कोर्ट ने आसाराम के वकील से जवाब मांगा है।
पुलिस अधिकारियों का मानना है कि यदि आसाराम को सजा सुनाई जाती है तो राम रहीम के समर्थकों की तरह आसाराम के समर्थक भी जोधपुर में हिंसा पर उतारू हो सकते हैं। वैसे ही आसाराम के समर्थक लगभग हर दिन जोधपुर आते रहते हैं। खासतौर से पूर्णिमा पर तो उनकी संख्या इतनी बढ़ जाती है कि पुलिस को उन्हे संभालना मुश्किल हो जाता है। पुलिस को खुफिया सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि 25 अप्रैल को फैसला सुनाए जाते समय आसाराम के समर्थक बड़ी संख्या में जोधपुर पहुंच सकते हैं।
इस बीच पुलिस ने जोधपुर में प्रवेश के मार्गों पर 22 अप्रैल ही सुरक्षा कड़ी करने और शहर में प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति की छानबीन करने का निर्णय किया है। उल्लेखनीय है कि आसाराम मामले की सुनवाई कर रही जोधपुर जिला एससी-एसटी कोर्ट ने 8 अप्रैल को प्रकरण की सुनवाई पूरी करते हुए 25 अप्रैल को फैसला सुनाने की बात कही थी।





