जयपुर Abhayindia.com प्रदेश में सियासी घमासान के बीच पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों ने पूरी तरह चुप्पी साध रखी है। असल में, राजनीतिक रणनीतिकारों की माने तो पायलट समर्थकसचिन के भविष्य को लेकर आश्वस्त नजर आ रहे हैं। उनकी बॉडी लैंग्वेज यह बताने के लिए काफी है कि ताजा सियासी घटनाक्रम ने उनको फ्रंट फुट पर ला दिया है। इसी के चलते पायलट समर्थक विधायकों की ओर से कोई बयानबाजी भी नहीं हो रही है। समर्थक नेताओं ने अब तक न तो मुख्यमंत्री और न ही आलाकमान को लेकर कोई बयानबाजी की है।
आमतौर पर सोशल मीडिया पर उनके समर्थक काफी आक्रामक रहते हैं। किसी भी मसले को लेकर उनके खेमे की ओर से सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं आती रहती हैं। मगर इस मसले पर पायलट गुट का सोशल मीडिया भी खामोश है। पिछले दिनों अशोक चांदना को लेकर हुए मामले पर भी पायलट गुट शांत था। ऐसे में यह लग रहा है कि किसी भी किस्म की बयानबाजी से पायलट खेमा खुद को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहता।
इधर, मंगलवार को दिल्ली पहुंचे सचिन पायलट से एयरपोर्ट पर मीडिया ने बातचीत के काफी प्रयास किए। मगर सचिन पायलट कुछ नहीं बोले। इस दौरान पायलट ने अपने मुंह से मास्क तक नहीं हटाया। मीडिया के किसी भी सवाल का जवाब दिए बिना पायलट हाथ जोड़कर निकल गए।
पायलट समर्थक विधायक और सेवादल के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष राकेश पारीक ने इस पूरे घटनाक्रम को लेकर मीडिया से बातचीत में कहा कि हम धैर्यवान हैं। गांव के आदमी धैर्यवान होते हैं, हम किसान हैं। हम फसल पैदा करते हैं, बीज डालते हैं। उसके बाद भी ये चिंता नहीं करते हैं कि बीज का क्या होगा। राकेश पारीक के बयान को इस रूप में देखा जा रहा है कि अब पायलट खेमा सिर्फ वेट एंड वॉच की स्थिति में है।