








जयपुर Abhayindia.com प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के निजी और सरकारी आवास पर भाजयुमो कार्यकर्ताओं की ओर से कालिख पोतने के तीन दिन बाद भी सत्ता और संगठन के किसी भी नेता की ओर से इस कृत्य की निंदा नहीं की गई है। ऐसे में इस विवाद में डोटासरा अकेले पड़ते नजर आ रहे हैं। साथ ही इससे गुटबाजी की खबरों को भी हवा मिलने लगी है। इस पूरे घटनाक्रम को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर भी तेज हो गया है।
आमतौर पर पार्टी के कई नेता अपनी बयानबाजी को लेकर सुर्खियों में रहते हैं लेकिन इन नेताओं ने भी इस पूरे घटनाक्रम से दूरी बना रखी है और किसी ने भी भाजयुमो कार्यकर्ताओं की ओर से किए गए इस कृत्य की निंदा तक नहीं की और न ही विरोध स्वरूप कोई धरना प्रदर्शन किया। जयपुर स्थित सरकारी आवास पर कालिख पोते जाने घटना के 2 दिन बाद खुद डोटासरा को सामने आकर बयान देना पड़ा। जबकि भाजयुमो कार्यकर्ताओं की ओर से कालिख पोते जाने के बाद भी राजेंद्र राठौड़ सहित कई वरिष्ठ भाजपा नेता उनके बचाव में उतर आए थे।
आपको बता दें कि रीट पेपर लीक मामले को लेकर प्रदेश में चल रहे सियासी घमासान के बीच भाजयुमो कार्यकर्ताओं की ओर से सीकर में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के घर पर कालिख पोत दी गई थी और उसके एक दिन बाद ही जयपुर के सिविल लाइन स्थित सरकारी आवास पर भी कालिख पोत दी गई थी, जिससे प्रदेश में सियासी पारा चढ़ गया।





