अभय इंडिया डेस्क.
भारतीय जनता पार्टी गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों में जीत का डंका बजाने के बाद अब राजस्थान, मध्यप्रदेश को जीतने के लिए तैयारियों में जुट गई है। इन दोनों राज्यों में अगले साल चुनाव होने है। लिहाजा अब पार्टी का सारा फोकस अब इन्हीं राज्यों पर आ टिका है। संशय इस बात को लेकर चल रहा है कि दोनों राज्यों में मुख्यमंत्री के चेहरे यथावत रखे जाए या फिर नए। सीएम फेस को लेकर पार्टी जोरदार मंथन में जुट गई है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह पार्टी की बुनियाद युवाओं के कंधों पर डालकर और मजबूत करने की दिशा में हैं। भाजपा में एक नई पीढ़ी को तैयार करने पर जोर दिया है जा रहा है। इसीलिए उम्रदराज नेताओं को उनकी मर्जी जानें बिना आराम दिया जा रहा है। लालकृष्ण आडवाणी, यशवंत सिन्हा जैसे तमाम नेता भाजपा की इस नई विचारधारा का उदाहरण हैं। गुजरात में भी कुछ ऐसा ही होने के आसार थे। स्मृति इरानी को गुजरात के सीएम पद की जिम्मेदारी सौंपने की चर्चाएं भी जोरों पर थीं लेकिन रूपाणी को मुख्यमंत्री बना दिया गया।