









बीकानेर Abhayindia.com राज्य सरकार की ओर से नर्सेज की पदोन्नति निरस्त करने से नर्सेज संगठनों में रोष है। नर्सेज भर्ती 2018 में चयनित 12 हजार नर्सेज स्वास्थ्य निदेशक के फरमान से अपने को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। संगठन के प्रदेशाध्यक्ष धन्नाराम नैण रोष जताते हुए कहा है कि यह नर्सेज लम्बे समय से विधिवत पदस्थापन का इंतजार कर रहे थे जिसके लिए ऑनलाइन चॉइस भी भरवाई गई और मैरिट के अनुसार पदस्थापन कि बात भी कही गई थी। इसके बाद 30 जुलाई को 12 हजार नर्सेज रिलीव होकर अपने पदस्थापन कि जगह रवाना हो गए लेकिन दो अगस्त को चिकित्सा एवम सवास्थ्य निदेशक (अराजपत्रित ) मुकुल शर्मा ने पदोन्नति के आदेश यह कहकर निरस्त कर दिए कि बारिश और कोरोना काल का समय चल रहा है। इसको देखते हुए आदेश निरस्त किया जाता है, जो नर्सेज रिलीव हुए थे वो पुन: अपनी जगह ज्वाइन करें जहां से वे रिलीव हुए थे।
संगठन के प्रदेशाध्यक्ष ने कहा हम राज्य सरकार से मांग करते है कि स्वास्थ्य भवन से जो आदेश 30 जुलाई को जारी हुआ था उसको पुन: बहाल किया जाए और उन नर्सेज कि परिवेदना लेकर निस्तारण किया जाए जिनको इस आदेश से समस्याएं झेलनी पड़ रही है। कुछ नर्सेज ने आपत्ति जताई है कि उनको विधिवत पदस्थापन नहीं मिला, जबकि कम मैरिट वालों को प्राथमिकता दे दी गई। इससे ज्यादा मैरिट वाले ठगे से महसूस कर रहे है। संरक्षक साजिद परिहार ने कहा कि नर्सेज के साथ कुठाराघात नहीं हो और सरकार को उनकी सभी मांगो को मानते हुए आदेश जारी करना चाहिए, अन्यथा यदि नर्सेज आंदोलन करती है तो उसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार और प्रशाशन की होगी।





