बीकानेर abhayindia.com गर्मी से राहत पाने के आम व खास लोगों के सभी जतन गर्मी के रौद्र रूप धारण कर लेने से बौने साबित होने लगे है। लोगों को गर्मी से न दिन में चैन मिल रहा है और न रात में राहत। समूचा जिला इन दिनों आग की लपटों में घिरे होने का अभास करवा रहा है और दोपहर में अंगारों की बारिश जैसा अहसास हो रहा है।
हकीकत यह है कि गत चार दिनों से तापमापी पारा लगातार 45 डिग्री के मनोवैज्ञानिक स्तर को एकदम से पार करते हुए 47 डिग्री तक पहुंच चुका है। जानकारों की मानें तो इस गर्मी के सीजन में बीकानेर में अधिकतम तापमान के अपने 29 साल पुराने रेकॉर्ड को तोड़ सकता है। गौरतलब है कि दशकभर पहले भी बीकानेर में अधिकतम तापमान 49.2 डिग्री दर्ज किया गया था।
अब तक तापमान 47.4 डिग्री को छू चुका है। इन दिनों शहर सहित आस-पास के सभी गांव भीषण गर्मी से उबलने लगे है। भीषण गर्मी के चलते न आम आदमी को राहत है और न ही पशु-पक्षियों को ही चैन है। हर कोई तेज गर्मी से राहत पाने के जतन करता नजर आता है। लोगों का गर्मी से बुरा हाल हो रहा है। उधर,पाक सीमा से सटी बीएसएफ चौकियों पर लगे उपकरण 50 डिग्री के बीच सीमा पर तैनात बल के जवानों को गर्मी की भीषणता व लू के थपेड़ों से बचाना भी चुनौती बना हुआ है।
जवानों को सजग होकर ड्यूटी देने के साथ गर्मी से बचाव करने की हिदायतें दी जा रही है। जवान भी तापघात से बचने को लेकर हर संभव जतन करते देखे जा सकते हैं। धर्मनगरी के बाजारों में ग्राहकी को मानों ग्रहण लग गया है। दिन में 11 बजते ही सड़कों पर सूनापन आ जाता है। सुबह 11 बजे के बाद से ही सड़कों पर आमदरफ्त एकदम से कम होना शुरू हो जाती है तथा दोपहर 1 बजे से अपराह्न 4 बजे तक तो व्यस्ततम मार्गों पर भी अघोषित कर्फ्यू जैसे हालात बन जाते हैं। शाम 5 बजे के बाद बाजारों व सड़कों पर रौनक लौटती है।