बीकानेर Abhayindia.com बीजेएस रामपुरिया जैन विधि महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना की दोनों इकाईयों तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के संयुक्त तत्वावधान में आज संविधान दिवस कार्यक्रम पर एक दिवसीय सेमीनार का आयोजन महाविद्यालय परिसर में किया गया। जिसकी शुरूआत मुख्य वक्ता जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव व एडीजे मानवी राजवी के द्वारा माॅं सरस्वती के तैलिय चित्र पर दिप प्रज्वलित कर की गई।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि संविधान के निर्माण के समय संविधान निर्माताओं ने आजादी के समय की परिस्थितियों के साथ ही भविष्यकालीन परिस्थितियों और आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर इसका निर्माण किया गया।वर्तमान समय पर महिलाओं पर बढते योन शोषण से कैसे बचाव किया जा सकता है और इसके क्या कानूनी प्रावधान है जिससे ना केवल महिलाएं अपना बचाव कर सकती है बल्कि अन्य महिलाओं को भी किस प्रकार से विद्यी विद्यार्थी न्याय दिला सकते है तथा उन्होंने कहा कि समाज के आर्थिक सामाजिक, राजनीतिक, शैक्षणिक, पिछडे वर्ग किस प्रकार से सवैंधानिक प्रावधानों के तहत न्याय दिलाया जा सकता है।
महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. अनन्त जोशी ने अपने उद्बोधन में संवैधानिक मूल्यों की विस्तृत रूप से जानकारी दी। प्राचार्य ने कहा कि वर्तमान समय में महिलाओं ने निसंदेह समाज में अपना योगदान दिया है इससे हमारा देश महिला सशक्तिकरण की ओर बढ रहा है। लेकिन वास्तवीक महिला सशक्तिकरण के लिये अभी और भी प्रयासों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आप अपने आस पास गरीब अशिक्षित लोगों के लिये स्वयं सेवक के रूप में कार्य कर सकते है। जैसे बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करना, गरीब महिलाओं को कुटिर उद्योग के लिये प्रेरित करना नारी शिक्षा के लिए प्रेरित करना आदि।
इस अवसर पर महाविद्यालय के एन.एस.एस. प्रभारी डाॅ. रीतेश व्यास ने संविधान दिवस पर संविधान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विधि विधार्थी विधि का अध्ययन करते हुए किस प्रकार से संविधान के द्वारा दिये गये अधिकारों का प्रयोग समाज में किया जा सकता है उसकी जानकारी दें साथ ही सवैंधानिक कर्तव्यों की भी जानकारी समाज को प्रदान करें।
जिसके प्रथम सत्र में एक संविधान कल और आज विषय पर विधि स्टूडेंटस द्वारा परिचर्चा की गई जिसमें प्रियाक्षी व्यास, सोनू भादाणी, छवी किराडू, नकुल सेवग, सत्यम, कैलाश, रविन्द्र ने संविधान के विभिन्न पहलुओं पर अपने अपने विचार रखे।
द्वितीय सत्र में संविधान के सामान्य ज्ञान पर आधारित एक क्विज प्रतियोगिता एवं रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें क्विज प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर संयुक्त रूप से पूजा जाखड, सुरेश सुथार, भरत भूषण द्वितीय स्थान पर नकुल सेवग, तृतीय स्थान पर संयुक्त रूप से मनोहर राम भील व तनीषा पुरोहित रही। इनको महाविद्यालय के प्राचार्य तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव मानवी राजवी ने पुरस्कार देकर प्रोत्साहित किया। रंगोली प्रतियोगीता में सोनू भादाणी ने प्रथम स्थान, हर्षिता मोदी एवं प्रियांक्षी व्यास द्वितीय स्थान व सत्यम त्रिपाठी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। इस अवसर पर दिव्या द्वारा कविता वाचन और शिक्षा शेखावत द्वारा सरस्वती वंदना भी की गई।
अंतिम सत्र में महिलाओं पर कार्यस्थल पर यौन शौषण पर एक सतर्कता कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें भारत सरकार द्वारा जारी किये गये सी-बाॅक्स तथा अन्य सरकारी योजनाओं की जानकारी महिला स्वयंसेवकों एवं कार्यरत महिला व्याख्याताओं को दी गई। अतिथियों को प्राचार्य द्वारा संविधान की प्रस्तावना भेंट कर सम्मानीत किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम के अन्त में महाविद्यालय के वरिष्ठ व्याख्याता सुरेश कुमार भाटिया ने अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर महाविद्यालय के व्याख्याता डाॅ. शराफत अली, डाॅ. पीयूष किराडू, सुनीता लूणिया, डाॅ राकेश धवन, अंजुमन उस्ता, राजश्री सुथार, चेतना ओझा, मीताली खत्री, पवन सारस्वत, राकेश रंगा आदि उपस्थित थे।