सुरेश बोड़ा/बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। जिले में बीते चौबीस घंटों के दौरान हुई बारिश ने एक और जहां लोगों को भीषण गर्मी से राहत दे दी, वहीं कई लोगों के लिए आफत बन गई। बारिश ने एक बार फिर सिस्टम के इंतजामों की जमकर पोल खोल दी। सैकड़ों गावों को जोडऩे वाली सड़कें बरसाती पानी में बह गई। शहरी क्षेत्र में हालात भी विकट बन गए।
शहर के निचले इलाके ही नहीं, बल्कि ऊंचे और सुरक्षित माने जाने वाले क्षेत्र भी जलमग्न हो गए। शहरभर में मुख्य सड़कों पर हुए गहरे गड्ढ़े कई हादसों का कारण बने। बरसाती पानी के दबाव में सूरसागर की दीवार ढह गई। उसके आसपास गिन्नाणी क्षेत्र में तो हालात बेहद विकट हो गए। क्षेत्र में सड़कों के साथ घर भी बरसाती पानी से भर गए। राहत कार्य के लिए प्रशासन की ओर से चलाई गई नावें महज प्रतीक के रूप में ही नजर आई।
बरसाती पानी को घरों तक आने से रोकने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के लोग प्रशासन से गुहार लगाते नजर आए, लेकिन उनकी सुनवाई करने वाला कोई नहीं था। रविवार अवकाश का दिन होने के कारण कई अफसरों ने तो अपने मोबाइल फोन ही बंद कर लिए। बारिश के दौरान गुल हुई बिजली ने भी लोगों को परेशान करने में कोई कमी नहीं छोड़ी। फाल्ट के नाम पर शहर के अधिकांश इलाकों में बिजली लगातार बंद रहने से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित रहा।
…और नाले में समा गई गाय
बरसाती पानी ने शहर में गंदगी से अटे और खुले पड़े नालों को ओवरफ्लो कर दिया। इससे सड़कों पर पानी का सैलाब सा हो गया। उस्ता बारी के पास पानी के बहाव में आकर एक गाय नाले में बह गई। आसपास के लोगों की उस पर नजर पड़ी तो वे बचाव में आगे आए। कई घंटे तक मशक्कत के बाद भी वे गाय को नाले से बाहर नहीं निकाल पाए। बड़ी जद्दोजहद के बाद मौके पर पहुंची जेसीबी के सहयोग से लोगों ने गाय को आखिरकार बाहर निकाल लिया, लेकिन तक तक उसका दम टूट चुका था। क्षेत्र के लोगों ने ‘अभय इंडियाÓ को बताया कि गाय के नाले में गिरने के तत्काल बाद हमने कई जिम्मेदार अफसरों, नेताओं को मदद के लिए सूचना देने की कोशिश की, लेकिन अधिकांश के फोन बंद थे।