जयपुर Abhayindia.com राजस्थान गुरुकुल विश्वविद्यालय मामले में मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. अमेरिका सिंह को राजभवन द्वारा न्यायिक जांच में क्लीन चीट दे दी गई है और सभी आरोपों से दोष मुक्त कर दिया गया है। इस आशय के राज्यपाल के प्रमुख सचिव सुबीर कुमार द्वारा आधिकारिक आदेश जारी किये गए हैं।
आपको बता दें कि राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति द्वारा प्रकरण की विस्तृत जांच के लिए महावीर प्रसाद गुप्ता, विशिष्ट न्यायाधिश झालावाड़ को न्यायिक जांच अधिकारी नियुक्त किया गया था। न्यायिक जांच समिति ने इस सम्पूर्ण प्रकरण की विस्तृत जांच कर अपनी रिपोर्ट राजभवन को सौंपी हैं।
इस न्यायिक जांच के आधार पर राजभवन द्वारा पूर्व कुलपति प्रो. सिंह पर दर्ज समस्त एफआईआर को निरस्त करने की अनुशंसा करते हुए गुरुकुल विश्वविद्यालय प्रकरण में किसी भी प्रकार की संलिप्तता नहीं पाए जाने पर दोषमुक्त कर दिया गया हैं। साथ ही प्रो. सिंह की निलम्बन अवधि का भुगतान पूर्ण वेतन के आधार पर किये जाने के निर्देश जारी किए गए है। इसके साथ ही अमेरिका सिंह प्रकरण का पूर्ण पटाक्षेप हो गया है और अमेरिका सिंह के बढ़ी हुई मुश्किलें हमेशा के लिए थम गई है।
प्रो. अमेरिका सिंह गुरुकुल विश्वविद्यालय प्रकरण में लम्बे समय से आरोपों का सामना करना कर रहे थे। राजस्थान प्रदेश में हुए इस प्रकरण से प्रो. सिंह को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था, तत्कालीन समय आरोपों की घिरे प्रो. सिंह ने कहा था इस सम्पूर्ण प्रकरण में, मैं निर्दोष हूँ वक्त आने पर देर-सवेर जांच में हकीकत सभी समक्ष जरुर आयेगी। पिछले वर्षो में विभिन्न जांचों के चले इस लम्बे दौर का प्रो. अमेरिका सिंह ने मजबूती से सामना किया और पूर्ण पारदर्शिता के साथ अपना पक्ष जांच एजेंसियों के समक्ष रखा, हालांकि उस समय भी प्रो. सिंह ने कहा था की देर-सवेर सच सभी के सामने जरुर आएगा। हर जांच की मे पूरी ईमानदारी से सामना करूँगा और सहयोग करूँगा।
इस अवसर पर प्रो. सिंह ने कहा कि मुझे न्याय मिलने की ख़ुशी है और गर्व है की मेरी सच्चाई, ईमानदारी और निष्पक्षता को रेखांकित किया गया। निराधार आरोपों और अस्थिरता के इस दौर का मैंने सुदृढ़ आत्मबल और दृढ़ता के साथ सामना किया जिसका परिणाम है की मुझ से जुड़े प्रकरण को सत्यता की प्रमाणिकता मिली। मैं उन सभी शुभचिंतकों का भी हार्दिक आभारी हूँ। जिन्होंने विपरीत परिस्थिति में भी मुझे भावात्मक संबल प्रदान किया और सत्य के मार्ग पर निरंतर चलने की प्रेरणा प्रदान की। सभी के स्नेह और अतुल्य प्रेम का परिणाम है के आज मुझे न्यायिक जांच में दोष-मुक्त कर दिया गया हैं। सुविवि के कुलपति के रूप में मेरे कार्यकाल के दौरान राजस्थान प्रदेश की उच्च शिक्षा की चहुमुंखी उन्नत्ति के सुखद स्वपन को मैंने पूर्ण निष्ठा और ईमानदारी के साथ निभाया है।