








बीकानेर Abhayindia.com ‘बनो सहायक छन्द बनाने में, करो आशापुरा आनंद शहर बीकाणे में…सरीखी स्तुति-गान से शुक्रवार को बिस्सा जाति की कुलदेवी मां आशापुरा की अरदास की गई।
मौका था भादवा माह की दशमी के पूजन का। आज बिस्सा जाति के लोगों ने अपने-अपने घरों में मां आशापुरा का विशेष पूजन किया। वहीं बीकानेर में नत्थूसरगेट बाहर स्थित प्राचीन मंदिर में पुजारी नृसिंह व राजकुमार व्यास ने मां का विशेष शृंगार पूजन कर आरती की। कोरोना के कारण मंदिर आम श्रद्धालुओं के लिए बंद है।
बिस्सा चौक स्थित एक घर में मां आशापुरा की हुई पूजा-अर्चना ।
घरों में हुआ पूजन...
इस बार कोरोना संक्रमण के कारण श्रद्धालुओं ने अपने-अपने घरों में मां आशापुरा की विशेष ज्योत कर आरती की। माता रानी के बूंदी को भोग लगाया गया। नरियल भेंट कर मन्नतें मांगी।
हर वर्ष भरता है मेला…
हर साल (भादव माह दशमी) के दिन पोकरण के समीप स्थित मां आशापुरा माताजी के मुख्य मंदिर में मेला भरता है। बीकानेर सहित दूर-दराज से श्रद्धालु वहां पहुंचते हैं। लेकिन मेलों पर प्रतिबंध है।
रामदेवजी का मेला भी नहीं….
लोक देवता रामदेवजी का मेला भी भादव माह की दशमी को भरता था, इस साल कोरोना के चलते रामदेवरा स्थित मंदिर के कपाट बंद है। वहीं बीकानेर में शुक्रवार को सुजानदेसर, नत्थूसर गेट के अंदर, भुजिया बाजार, रामदेव पार्क, जस्सोलाई के समीप स्थित मंदिरों में निजी पुजारियों ने ही बाबा का शृंगार पूजन कर आरती की। नत्थूसर गेट के अंदर एमएम स्कूल के समीप स्थित मंदिर पुजारी सुन्दरलाल जोशी ने श्रद्धालुओं को बाबा रामदेवजी के लाइव दर्शन सोशल मीडिया के जरिए करवाए।
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