दिग्दिगन्त में गूंज रही है, तेरी मुरली हे मुरलीधर…! – श्‍याम शर्मा

राजस्थानी भाषा की जब भी चर्चा होती है तो बीकानेर के विद्वान स्व. मुरलीधर व्यास का नाम प्रमुखता से लिया जाता है और लिया जाता रहेगा। राजस्थानी भाषा के अमर साधक स्व. मुरलीधर व्यास ने राजस्थानी की विभिन्न विधाओं में तब लिखना शुरू कर दिया था जब राजस्थानी साहित्य इतना परिपक्व ही नहीं हुआ था … Continue reading दिग्दिगन्त में गूंज रही है, तेरी मुरली हे मुरलीधर…! – श्‍याम शर्मा