फिर निकलेगा सुख का सूरज “धीर धरो”

धीर धरो… ◆◆◆◆◆◆ फिर निकलेगा सुख का सूरज धीर धरो बंदिशें जो आज लगी है तेरे ही कल को बचायेगी फिर से होगा खुला गगन और खुली हवा तुम धीर धरो। घर को संसार समझ खोजो नित नया यहाँ बच गये आज अगर बच जाएगा जहां यह धीर धरो। भौतिकता की दौड़ में सर पर … Continue reading फिर निकलेगा सुख का सूरज “धीर धरो”