बीकानेर Abhayindia.com सेठ श्री सूरजमल तापड़िया आचार्य संस्कृत महाविद्यालय जसवंतगढ़ नागौर की ओर से जयपुर और बीकानेर में हस्तलिखित प्राचीन ग्रंथों के सर्वेक्षण सूचीकरण व संरक्षण का कार्य हो रहा है। यह कार्य जयपुर के शहरी क्षेत्र में बड़ी चौपड़, छोटी चौपड़, रामगढ़ मोड़ आदि स्थानों पर और अभय जैन ग्रंथालय में निजी ग्रन्थों को संरक्षण सुरक्षित कर सूचीकरण किया जा रहा है।
पांडुलिपि समन्वयक ने बताया कि सर्वेक्षण के दौरान 500 से 700 वर्ष पुराने हस्तलिखित ग्रंथ मिले, जिनका सूचीकरण केमिकल के माध्यम से किया जा रहा है। इनके अति महत्वपूर्ण साहित्य भी उपलब्ध है जिनमें आयुर्वेद, रामायण, महाभारत, पुराण, ज्योतिष, तंत्र- मंत्र, हिंदी साहित्य, संतों की बाणीया आदि अनेक विषयों का साहित्य इन ग्रंथों में हैं। इन ग्रंथों को सुरक्षित करने के लिए प्राचीन एवं नई विधियों से इनका संरक्षण किया जा रहा है। भारतीय संस्कृति के लिए यह अति महत्वपूर्ण कार्य है। इसका श्रेय सेठ तापड़िया जी को जाता है जिनके माध्यम से इन प्राचीन विरासत को संरक्षित सुरक्षित करने का बीड़ा उठाया गया है।