Friday, April 19, 2024
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युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं ‘रंगीला’ की ‘बिसात की बातें’

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रंगीला ने खेल लेखन को दिए नए आयाम
बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। खेल लेखक झंवर लाल व्यास ‘रंगीला’ की बारहवीं पुण्यतिथि के अवसर पर बुधवार को रंगीला फाउण्डेशन द्वारा नालंदा सीनियर सैकण्डरी स्कूल में पुरस्कार वितरण एवं अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया। इस दौरान वक्ताओं ने रंगीला के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को नमन करते हुए उनके सिद्धांतों का अनुसरण करने का आह्वान किया।
श्रीब्रह्म गायत्री सेवाश्रम के अधिष्ठाता पंडित रामेश्वरानंद पुरोहित ने कहा कि जो व्यक्ति अपना जीवन दूसरों के दु:ख दूर करने में लगा देता है, आने वाली पीढिय़ां उसे याद रखती हैं। ‘रंगीला’ भी ऐसे व्यक्तित्व के धनी थे, जिन्होंने अपना जीवन समाज को समर्पित कर दिया। उन्होंने कहा कि रंगीला ने खेल लेखन में नए आयाम स्थापित किए। विभिन्न क्षेत्रों में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी. आर. छीपा ने कहा कि फाउण्डेशन द्वारा रंगीला की स्मृति में किए जा रहे कार्य सराहनीय हैं। लगातार बारहवें वर्ष शतरंज प्रतियोगिता का आयोजन करके संस्था द्वारा युवा खिलाडिय़ों को अवसर प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने विजेता खिलाडिय़ों को बधाई दी तथा जीवन के प्रत्येक मोर्चे पर सकारात्मक प्रतिस्पर्धा की सीख दी।

वरिष्ठ अधिवक्ता तथा शतरंज संघ से जुड़े एस. एल. हर्ष ने बताया कि ‘रंगीला’ ने आर्बिटर के रूप में भी प्रभावी भूमिका निभाई। हिन्दी में शतरंज पर लिखी उनकी पुस्तक ‘बिसात की बातें’ आज भी युवा खिलाडिय़ों के लिए मार्गदर्शक की भूमिका निभाती है। इससे पहले अतिथियों ने रंगीला के चित्र पर पुष्पांजलि कर कार्यक्रम की विधिवत शुरूआत की। शतरंज प्रतियोगिता संयोजक एडवोकेट जुगल किशोर व्यास ने स्वागत उद्बोधन दिया। उन्होंने संस्था की गतिविधियों तथा प्रतियोगिता के बारे में भी बताया। संस्था अध्यक्ष एडवोकेट बसंत आचार्य ने रंगीला के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला। मधुसूदन व्यास ने आभार जताया। कार्यक्रम का संचालन संजय पुरोहित ने किया।

शतरंज प्रतियोगिता के विजेता हुए पुरस्कृत
कार्यक्रम के दौरान 26 एवं 27 दिसम्बर को आयोजित बारहवीं रंगीला स्मृति शतरंज प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। जूनियर वर्ग में आकाश स्वामी, आदित्य शर्मा एवं आदित्य जैन को, सीनियर वर्ग में योगेश स्वामी, महावीर बिठू एवं कपिल पंवार को, जूनियर महिला वर्ग में दर्शिका गोस्वामी, वंशिका जैन एवं ईशा हर्ष को तथा सीनियर महिला वर्ग में कीर्ति स्वामी, संघप्रिया ढाल तथा आशा खत्री को पुरस्कार प्रदान किए गए। वहीं 4 वर्षीय बाल शातिर विश्वेन्द्र रंगा एवं वेटरन शातिर 71 वर्षीय शिवरतन सोनी को भी पुरस्कृत किया गया। इसी प्रकार प्रतियोगिता के दौरान आर्बिटर की भूमिका निभाने वाले डी पी छींपा, एस एन करनाणी, वी एन जोशी तथा रामकृष्ण चौधरी का सम्मान हुआ।

आसोपा को अर्पित किया ‘रंगीला रत्न अवार्ड’
चिकित्सा एवं समाज सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने पर वैद्य कैलाश चंद आसोपा को तीसरे ‘रंगीला रत्न अवार्ड’ से सम्मानित किया गया। आसोपा को सम्मान स्वरूप शॉल, साफा, अभिनंदन पत्रए स्मृति चिन्ह एवं श्रीफल भेंट किया गया। अभिनंदन पत्र का वाचन हरिशंकर आचार्य ने किया। सम्मान समारोह प्रभारी दुर्गाशंकर आचार्य ने बताया कि आसोपा द्वारा लगातार चालीस वर्षों तक आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति से नि:शुल्क चिकित्सा करने के फलस्वरूप यह अवार्ड अर्पित किया गया। उन्होंने बताया कि संस्था द्वारा अब तक शतरंज खिलाड़ी अभ्युदय राजपुरोहित एवं रंगकर्मी सुधेश व्यास को इस अवार्ड से सम्मानित किया गया है। इस अवसर पर पार्षद शिवकुमार रंगा, पश्चिम राजस्थान खेल लेखक संघ के अध्यक्ष मनोज व्यास, मनीष जोशी, पूर्व मिस्टर डेजर्ट राजेन्द्र व्यास, डॉ. विजयशंकर आचार्य, महेश मोंगा, ऋषिकुमार व्यास, गिरिराज व्यास, साईक्लिस्ट भवानीशंकर आचार्य, बिशन लाल आचार्य आदि मौजूद थे।

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