विदेश यात्रा के अवसर खोलता है वायव्य कोण

वास्तु ग्रन्थ विश्वकर्मा प्रकाश में कहा गया है- “वायव्ये तु वायु स्थानं पवनस्य निवासः तस्मात् तद् दिशमाश्रित्य सर्वे वायव्याः सुखम्” इसका आशय है वायव्य कोण में वायु का निवास है, पवन का घर है। इस दिशा में रहने से सभी प्राणी सुखी होते हैं।” वायव्य कोण का स्वामी चंद्रमा ग्रह है और वायु देव इस दिशा के … Continue reading विदेश यात्रा के अवसर खोलता है वायव्य कोण