Tuesday, February 18, 2025
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राजस्थान जन्म मृत्यु रजिस्ट्रीकरण अधिनियम में नवीनतम संशोधनों से आमजन को मिलेगी राहत

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जयपुर Abhayindia.com राजस्थान जन्म मृत्यु रजिस्ट्रीकरण अधिनियम में संशोधन के बाद जन्म और मृत्यु की 30 दिवस के पश्चात 1 वर्ष के भीतर की घटना के लिए जारी की जाने वाली अनुज्ञा ग्रामीण क्षेत्र में ब्लॉक सांख्यिकी अधिकारी द्वारा जारी की जाएगी।

आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के सहायक निदेशक डॉ. सुदीप कुमावत ने बताया कि जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1969 (संशोधित)2023 के क्रम में राजस्थान जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियम 2000 (संशोधित) 2025 अधिसूचना का राजस्थान राजपत्र में प्रकाशन पश्चात विधानसभा के पटल पर रखी गयी है। जिसमें प्रमुख संशोधन किये गये हैं।

उन्होंने बताया कि जन्म-मृत्यु अधिनियम में संशोधन लागू होने से प्रमाण पत्र निर्धारित अवधि में जारी होंगे जिससे आमजन को सुविधा होगी। शत प्रतिशत जन्म-मृत्यु की घटनाओं का पंजीयन होगा और ब्लॉक सांख्यिकी कार्यालयों को मजबूती मिलेगी।

डॉ. सुदीप कुमावत ने बताया कि नवीनतम संशोधन के तहत वर्तमान में जन्म या मृत्यु की घटना की सूचना 21 दिवस पश्चात रजिस्ट्रार को देने पर 1 रुपये विलम्ब शुल्क देय है। संशोधन के पश्चात अब यदि घटना की सूचना 21 दिवस पश्चात परंतु 30 दिवस के भीतर रजिस्ट्रार को दी जाती है तो 20 रुपये विलम्ब शुल्क देय होगा। वहीं, यदि घटना की सूचना 30 दिवस पश्चात परंतु वर्ष के भीतर दी जाती है तो 50 रुपये एवं घटना की सूचना 1 वर्ष पश्चात दिए जाने पर 100 रुपये विलम्ब शुल्क देय होगा।

उन्होंने बताया कि आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग चिकित्सा संस्थानों के द्वारा जन्म-मृत्यु पंजीयन में 21 दिवस सें अधिक विलम्ब किये जाने पर अथवा सूचना समय पर नहीं देने पर पूर्व में 50 रुपये की पेनल्टी का प्रावधान था जिसे बढाकर अब 250 रुपये एवं अधिकतम एक हजार रुपये की पेनल्टी का प्रावधान किया गया है। जन्म-मृत्यु के विलम्बित रजिस्ट्रीकरण में नोटरी सत्यापन को समाप्त किया गया हैं। अपील का प्रावधान किया गया है। यदि प्रार्थी रजिस्ट्रार, जिला रजिस्ट्रार से संतुष्ट नहीं हैं तो उच्च स्तर पर अपील कर सकते हैं।

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