बीकानेर Abhayindia.com स्कूल टीचर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (STFI) के आह्वान पर देशभर के शिक्षक 24 फरवरी, 2023 को संसद कूच करेंगे और अपनी मांगों के समर्थन में राजधानी दिल्ली में जंतर मंतर पर एकत्रित होकर विरोध प्रदर्शन करेंगे । संसद कूच में देश के विभिन्न राज्यों से हजारों शिक्षक शामिल होंगे।
एसटीएफआई के राष्ट्रीय परिषद के सदस्य श्रवण पुरोहित ने आंदोलन की मांगों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राष्ट्रहित में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 को रद्द किया जाए और सभी के लिए नि:शुल्क, अनिवार्य व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित की जाए। कक्षा 12 तक शिक्षा का अधिकार (RTE) का विस्तार किया जाए और इसे मजबूत किया जाए। एसटीएफआई की मांग है कि शिक्षकों और कर्मचारियों के हित में पेन्शन फंड रेग्युलेटरी एन्ड डवलपमेंट अथोरिटी (PFRDA) को रद्द किया जाए और पूरे देश में एनपीएस के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए। सभी अस्थायी/एडहोक/संविदा/टर्म आधारित शिक्षकों व कर्मचारियों की सेवाएं नियमित की जाए। ₹7.5 लाख तक की आय को आयकर से मुक्त किया जाए, 2.5 लाख तक स्टन्डर्ड डिटेक्शन हो और 3 लाख रुपये तक 80 सीसी में छूट दी जाए।
शिक्षक संघ (शेखावत) के जिला मंत्री शिव शंकर गोदारा ने बताया कि 20 – 22 मई, 2022 को आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा में संपन्न एसटीएफआई के राष्ट्रीय महाधिवेशन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 तथा शिक्षकों व कर्मचारियों के समक्ष मौजूद चुनौतियों पर गहन विचार-विमर्श के बाद इन मुद्दों को लेकर राष्ट्रव्यापी अभियान चलाने का निर्णय लिया गया था और इसी क्रम में 24 जुलाई को नई दिल्ली में राष्ट्रीय शिक्षा कन्वेंशन का आयोजन किया गया। कन्वेंशन के निर्णयानुसार 24 फरवरी को संसद पर देश के शिक्षक प्रदर्शन कर अपनी आवाज बुलंद करेंगे। एसटीएफआई ने स्पष्ट किया है कि यदि मांगे नहीं मानीं गई तो लाखों शिक्षकों द्वारा हस्ताक्षरित ज्ञापन महामहिम राष्ट्रपति को दिया जाएगा।
जिला अध्यक्ष भँवर पोटलीया, जिला प्रवक्ता भँवर सांगवा, संयोजक देवी लाल बिश्नोई, जिला उपाध्यक्ष अरुण गोदारा ने चेतावनी दी है कि शिक्षकों का राष्ट्रव्यापी आंदोलन मांगे माने जाने तक निरंतर जारी रहेगा तथा राजस्थान के हर जिले के शिक्षक संसद पर होने वाले प्रदर्शन में शामिल होंगे।