Friday, May 17, 2024
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कोलकाता : ‘खम्भ फाड़ नृसिंह हो प्रकट्या, भक्त प्रहलाद बचायो… प्रतीकात्मक रुप से मनाई गई नृसिंह जयंती

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कोलकाता. बीकानेर Abhayindia.com ‘खम्भ फाड़ नृसिंह हो प्रकट्या, भक्त प्रहलाद बचायो, नाथ कैसे नृसिंह रूप बनायो… भक्त की रक्षा करने के लिए भगवान नृसिंह खंम्भ को चीरकर जब बाहर निकले तो चारों और ‘प्रहलाद भक्त के जयकारें गूंज उठे। मौका था नृसिंह चतुर्दशी (जयंती) का।

अधर्म पर धर्म की विजय का यह पर्व इस बार प्रतीकात्मक रूप से मनाया गया। कोरोना महामारी के चलते कहीं पर भी बड़े मेले नहीं भरे। मंदिरों में हरिणकश्यप वध की प्रतीकात्मक लीलाएं हुई। तो कई मंदिरों में ऑन लाइन दर्शन की व्यवस्थाएं की गई। मंदिरों में नृसिंह प्रतिमाओं का पंचामृत से अभिषेक पूजन हुआ।

बीकानेर की तरह ही कोलकाता महानगर के बड़ा बाजार क्षेत्र में कई स्थानों पर हर साल नृसिंह मेला भरता है। लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते पूजा-अर्चना की गई। प्रतीकात्मक रूप से लीलाएं हुई।

बीकानेर में बच्चों में उत्साह… 

बीकानेर में इस बार डागा चौक, लखोटिया चौक में मेला नहीं भरा। मंदिरों में ही प्रतीकात्मक रूप से नृसिंह लीलाएं आयोजित की गई। सुबह पंचामृत स्नान के बाद पूजन किया गया। शृंगार के बाद आरती हुई। वहीं बच्चों में काफी उत्साह रहा। मेलों पर पाबंदी होने के कारण छोटे बच्चों ने अपने घरों में ही भक्त प्रहलाद, हरिणकश्यप व नृसिंह भगवान का स्वरूप तैयार कर पर्व का लुत्फ उठाया। नत्थूसर गेट बहार स्थित आजाद मंडल के तत्वावधान में भैरव नृसिंह मंदिर में पूजा-अर्चना की गई।

महानगर में प्राकट्य उत्सव…

कोलकाता महानगर में लॉकडॉउन के बीच भक्तों ने सरकारी नियमों का पालन करते हुए मंगलवार को नृरसिंह भगवान की जयंती मनाई। बड़ाबाजार क्षेत्र में कई स्थानों पर पूजा-अर्चना की गई। कहीं पर भी बड़े मेले नहीं भरे।

raja katra

राजाकटरा स्थित प्राचीन श्री नृसिंह भगवान के मंदिर में भगवान का प्राकट्य उत्सव सिर्फ पूजा अर्चना करते हुए ही मनाया गया। पुजारी अभिषेक शर्मा, विक्की शर्मा ने कहा कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए प्रतीक रुप से पूजा-अर्चना की गई।

बांसतल्ला स्थित बलदेवजी मंदिर में पूजा अर्चना करते हुए सपन बर्मन।

बांसतल्ला स्थित श्री बलदेवजी के मंदिर प्रांगण में भगवान नृसिंह भगवान की पूजा-अर्चना की गई। श्री शालिग्राम भगवान का अभिषेक हुआ। इस मौक पर यजमान के रूप में स्वपन बर्मन ने पूजा की। तो प्रतीकात्मक स्वरूप गिरीराज हर्ष, नंदन किराड़ू ने धरा। ज्योतिषाचार्य शिवदयाल व्यास, संजू बर्मन, राजकुमार पुरोहित, दीपक हर्ष, गिरीराज जोशी, दिलीप पुरोहित, पवन पुरोहित, बंसत किराडू, जितेंद्र कोठारी आदि श्रद्धालुओं मौजूद रहे।

वहीं जगदीश हर्ष सहित वि_ल आचार्य, रोहित हर्ष, करण आचार्य, किशन हर्ष, जुगल व्यास, राजेंद्र व्यास, अशोक व्यास, गिरीराज राठी व अन्य ने भागीदारी निभाई।

नींबूतल्ला में महेंद्र पुरोहित, विश्वनाथ व्यास, राजकुमार लाखोटिया, मुकुंद लाखोटिया, राजू चांडक, कन्हैयालाल मूंधड़ा, नगाराम प्रसाद कोठारी, गोपाल चांडक, श्याम सुंदर चांडक, महेश हर्ष, मुकेश बिन्नानी, ने पूजा-अर्चना निभाई।

ढाकापट्टी में पं. राजनारायण ओझा के सान्निध्य में पूजा अर्चना की गई। इसमें पंडित लक्ष्मण ओझा, कन्हैया लाल व्यास (के. लाल), जय जोशी, प्रेम कलवानी, गिरीराज ओझा, प्रेम छंगाणी शामिल हुए। यजमान के रुप में बबलू, आशु, उमांशकर मौजूद रहे।

श्री आनंद भैरव

गणपत बागला रोड स्थित श्री आनंद भैरव देवस्थान में पूजा-अर्चना में पंडित भंवरलाल ओझा, इंद्र सादानी सहित श्रद्धालुओं ने भागीदारी निभाई। मालापाड़ा क्षेत्र में रामदेव बाल मंडल के मंदिर में नृसिंह पूजन में राजकुमार रंगा, गोपाल पुरोहित, संजय रंगा, मंजू दूबे, राहुल दूबे, रिकी माली, भारती रंगा भागीदारी निभाई।

इधर, लिलुआ के पुष्करणा ब्रह्म बगेचा में पी शीतल हर्ष के संयोजन में पूजा-अर्चना की गई।

रिपोर्ट: सच्चिदानंद पारीक, कोलकाता, ब्यूरो चीफ

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