मुखिया को सटीक निर्णय लेने में सक्षम बनाता है नैऋत्य कोण

महाभारत के वनपर्व में कहा गया है- नैऋत्यां दिशि स्थितो यो राजा वरुणः पाशहस्तः। इसका आशय है नैऋत्य दिशा में स्थित राजा वरुण हाथ में पाश लिए हुए हैं। नैऋत्य कोण घर का सबसे महत्त्वपूर्ण स्थान होता है। यहाँ पर किसी प्रकार का वास्तुदोष होने का कुप्रभाव प्रमुख रूप से मुखिया को प्रभावित करता है। … Continue reading मुखिया को सटीक निर्णय लेने में सक्षम बनाता है नैऋत्य कोण