Friday, May 17, 2024
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बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ कम जांच में बच्चों का बेहतर इलाज करें : डाॅ. नीलम मोहन

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बीकानेर Abhayindia.com केन्द्रीय एकेडमिक ऑफ पीडियाट्रिक तथा बीकानेर पीडियाट्रिक सोसाइटी के संयुक्त तत्वावधान मे रविवार को रानी बाजार के होटल मरुधरा पैलेस में बच्चों के कम जांच में बेहतर इलाज करने के संबंध में कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त चिकित्सकों ने स्लाईड, संवाद के माध्यम से जयपुर, श्रीगंगानगर,  बीकानेर, नागौर आदि स्थानों के बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञों ने कम जांच में अपनी शिक्षा, विवेक व अनुभव का उपयोग करते हुए बेहतर इलाज के गुर बताए। मेदांता अस्पताल गुड़गांव की गेस्ट्रो, एन्डोलोजिट व लीवर की विशेषज्ञ चिकित्सक व केन्द्रीय एकेडमिक ऑफ पीडियाट्रिक की सदस्य डाॅ. नीलम मोहन ने कहा कि समय के साथ चिकित्सा जगत, मानवीय व विशेषकर बच्चों के रोगों व उनके लक्षणों में बदलाव आया है। बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ अपनी व्यस्त ओपीडी में अपने विवेक, अनुभव तथा चिकित्सकीय ज्ञान से रोग की पहचान कर कम जांचें करवाकर रोगी का बेहतर इलाज करें।

डॉ. नीलम मोहन ने कहा कि अबोध बच्चे के रोने पर केवल पेट दर्द की दवाई देकर इतिश्री नहीं करें, उसके शरीर के अन्य अंगों, मां के दूध पिलाने व उसके सार संभाल के तरीके की बारीकी से जांच कर इलाज करें। उन्होंने स्लाइड के माध्यम से 15 प्रकरण प्रस्तुत करते हुए उपस्थिति चिकित्सकों से संवाद किया तथा बेहतर चिकित्सा के टिप्स बताएं।

दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के डाॅ. एस. वासुदेव ने ’’क्लिनिकल क्लूज इन नॉर्मल एंड सिक न्यू बोर्न’’ विषय पर सचित्र व्याख्यान में पीलिया, डेंगू, चर्म रोग व इन्फेक्सन से नत शिशुओं में दिखने वाले सामान्य व गंभीर लक्षणों की पहचान कर उनके निदान के बेहतर तरीके बताएं।

नव इम्पीरियल अस्पताल जयपुर के पीडियाट्रिक गेस्टोलोजिस्ट डाॅ. मोहित वोहरा ने स्लाइडों के माध्यम से 20 प्रकरण प्रस्तुत करते हुए बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास, मोटापा, थाइराइड एवं इम्यूनिटी, हड्डी संबंधित रोग, उनके कारण तथा इलाज से अवगत करवाया। उन्होंने क्लीनिक क्लूज के माध्यम से रोगों के शीघ्र निदान के बारे में सचित्र व्याख्यान के बाद चिकित्सकों की जिज्ञासाओं को दूर किया।

जयपुर के शिशु एवं बाल स्वास्थ्य एवं आहार तथा पोषण विशेषज्ञ डाॅ. आलोक गुप्ता ने कहा कि केन्द्रीय एकेडमिक ऑफ पीडियाट्रिक में राजस्थान के सदस्यों की संख्या कम होने से प्रदेश के चिकित्सक आधुनिक चिकित्सा ज्ञान से कई बार वंचित रह जाते है। उन्होंने कहा राजस्थान के बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ केन्द्रीय एकेडमिक ऑफ पीडियाट्रिक में अपनी भागीदारी को बढ़ाएं तथा संगठन का अध्यक्ष राजस्थान का बनाने में सहभागी बनें।

बीकानेर पीडियाट्रिक सोसाइटी के अध्यक्ष डाॅ. कुलदीप बिट्ठू, सचिव डाॅ. श्याम अग्रवाल ने अतिथियों का स्मृति चिन्ह, व्याख्यान से स्वागत किया। डाॅ. सारिका स्वामी ने आयोजन के संबंध में विस्तार से जानकारी दी तथा अतिथियों का परिचय करवाया। कार्यशाला की अध्यक्षता डाॅ. पी.सी. खत्री ने की। डाॅ. खत्री ने कहा कि भारत में पहली बार बीकानेर में आयोजित यह कार्यशाला चिकित्सकों के ज्ञान में वृद्धि करेंगी।

कार्यशाला में इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक के प्रतिनिधि व निम्स अस्पताल जयपुर के डाॅ. अनुराग तोमर, पी.बी.एम. अस्पताल के पूर्व अधीक्षक डाॅ. पी.के. बेरवाल, पी.बी.एम. अस्पताल के बाल एवं शिशु रोग अस्पताल के प्रभारी डाॅ. आर.के सोनी, डाॅ. महेश शर्मा, डाॅ. गिरीश प्रभाकर, डाॅ. रेणु अग्रवाल, डाॅ. गौरव गौम्बर, श्रीगंगानगर के डाॅ. धर्मेश गर्ग, नागौर के डाॅ. आर.के. सुथार सहित बीकानेर के निजी एवं सरकारी अस्पतालों के बाल रोग विशेषज्ञ लगभग 100 चिकित्सक शामिल हुए।

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