बीकानेर abhayindia.com नया वाहन अधिनियम कुछ प्रदेशों को छोड़कर देशभर में लागू हो गया है। अभी नहीं लागू होने वाले राज्यों में राजस्थान भी शामिल है। ऐसे में शहर में इस मुद्दे पर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। यहां के लोग अभी नए एक्ट की खूब फिरकी ले रहे हैं। सोशल मीडिया पर भारी–भरकम चालान काटे जाने की खबरों के बीच यहां के लोग इस बात से खुश हैं कि कुछ दिन तो राहत है। आगे चलकर भले ही चालान कटने लगे, लेकिन अभी यहां के शहरवासी सरकार, पुलिस, चालान की प्रक्रिया पर ज्ञान बघार रहे हैं। सभी मुद्दों की तरह इस मुद्दे पर भी पक्ष–विपक्ष दोनों हैं। दोनों पक्षों के सॉलिड तर्क भी हैं।
ईएमआई से भरेंगे चालान। सोशल मीडिया पर खबरें, चुटकले वायरल होने के साथ ही बीकानेर में भी यह कहकर मजे लिए जा रहे हैं कि अब चालान भरने के लिए वाहनों के साथ शोरूम से लोन लेना पड़ेगा। वाहन के साथ चालानी रकम की भी ईएमआई शुरू करानी पड़ेगी। हालांकि, यहां ज्ञान बघारू लोगों के दोनों के तरह के तर्क हैं। एक तर्क है कि कड़े नियम की दरकार तो है ही। इसके बिना हालात नहीं सुधरेंगे। इस बारे में तर्क रखा जा रहा है कि कार्रवाई के डर से ही यहां लोग हेलमेट पहना शुरू करेंगे। अपनी सुरक्षा की चिंता का सिद्धांत, तो सदियों से चल रहा है। लेकिन, इससे हेलमेट पहने वालों की संख्या में खास इजाफा नहीं हुआ। चालान की सख्ती हुई, तो हेलमेट लगाने वलों की संख्या तेजी से बढ़ी। इसलिए अब ज्यादा सख्ती होगी तो, नियम–कानूनों का पालन करने वालों की संख्या बढ़ेगी।
ऐसे में तो बर्बाद हो जाएंगे
शहर में वाहन चालकों का एक वर्ग ऐसा भी है, जो डरा–सहमा हुआ है। उसका मानना है कि इतनी भारी–भरकम चालानी कार्रवाई से कई परिवार आर्थिक रूप से बर्बाद हो जाएंगे। इसलिए नए नियमों को कुछ आसान बनाया जाए। चालान की रकम कुछ तो कम जरूर की जानी चाहिए। इसके साथ सड़कों की हालत ठीक करनी चाहिए। गड्ढे दूर नहीं हो रहे हैं। सिग्नल चालू नहीं हैं। संकरी सड़कों पर वाहन निकालना मुश्किल है। लेकिन, चालान काटने के लिए पुलिस उतावली नजर आए, तो बात हजम नहीं होती।
बीकानेर : सोशल मीडिया पर कमेंट्स के बाद बिगड़ा मामला, गंभीरता नहीं दिखा रही पुलिस!