किस्सागोई : सुन कोरोना ! बैठ, तुझे एक कहानी सुनाऊं …

इस कथा को सुन शायद तेरी आंख खुले और तू जान पाए इस मरुभौम के लालों के जज्बे, जज्बात, जिद्द, जोश और जुनून को। समझ पाए इसकी संकल्प शक्ति को। महसूस पाए इस मिट्टी के जीवट की आहट को। संगत कर पाए मन राग का और सुन पाए इसकी सरगम। तमाम विद्रूप के मेघाच्छादन में भी इसकी मुस्कराहट … Continue reading किस्सागोई : सुन कोरोना ! बैठ, तुझे एक कहानी सुनाऊं …