








बीकानेर Abhayindia.com नीट परीक्षा में चयनित होने के उपराँत मेडिकल की पढ़ाई को सफलतापूर्वक पूर्ण करने के उपराँत यदि कोई भारत की सबसे प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा में भी चयनित हो जाए तो यकीनन उनकी मेधा अत्यंत प्रखर होगी। ऐसी ही एक विलक्षण प्रतिभा हैं डॉ. मुदिता शर्मा जिन्होंने सफलतापूर्वक एमबीबीएस उपाधि प्राप्त करने के उपराँत यूपीएससी सिविल परीक्षा में भी चयनित होकर करोड़ों युवाओं के समक्ष एक आदर्श उपस्थित किया है। प्रतिभाशाली डॉ. मुदिता शर्मा को सामाजिक सरोकारों में अग्रणी सेवा संस्था नरसिंगदास जीवणी देवी सेवग चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा यहां शाकद्वीपीय गौव सम्मान से सम्मानित किया गया। यहां आयोजित एक समारोह में ट्रस्ट के अध्यक्ष शंकर सेवग, राहुल शर्मा, तरुण भोजक, आर.के. शर्मा ने डॉ. मुदिता को यह सम्मान भेंट किया।
अपने सम्मान के प्रत्युत्तर में डॉ. मुदिता ने कहा कि प्रतिस्पर्धा के इस युग में यदि अपने लक्ष्य तक पहुँचना है तो उसके लिए निरंतर कठिन मेहनत की जरूरत है साथ ही सदैव मन मस्तिष्क में अपने लक्ष्य की प्राप्ति का जज्बा भी रखना होता है तभी हम अपने सपनों को साकार कर सकते हैं। उन्होंंने करोड़ों युवाओं को अपने संदेश में कहा कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता। सही दिशा में कठिन मेहनत एवं जागरुकता वर्तमान युग में सफलता प्राप्ति के लिए बहुत जरूरी है।
इस अवसर पर ट्रस्ट के अध्यक्ष शंकर सेवग ने कहा कि डॉ. मुदिता ने अपनी मेहनत के बल पर देश सेवा के दो अलग अलग स्वरूपों को प्राप्त किया है। ऐसी विलक्षण प्रतिभा को शाकद्वीपीय गौरव सम्मान से विभूषित करते हुए शाकद्वीपीय समाज स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहा है।





