Friday, May 17, 2024
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बीकानेर में घटिया काम करने वाली फर्मों को किया जाएगा ब्‍लैकलिस्‍ट, यूआईटी-निगम एक्‍शन में…

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बीकानेर Abhayindia.com प्रदेश में सत्‍ता बदलते ही कई विभाग एक्टिव मोड पर आ रहे हैं। इस क्रम में स्‍थानीय निकाय विभाग भी चेत रहा है। विभाग की ओर से नगर निगम, नगर विकास न्यास समेत तमाम निकायों को आदेश जारी कर ऐसी ठेकेदार फर्मो को ब्‍लेकलिस्ट करने के निर्देश दिये है जिनके निर्माण कार्यो मे घटियापन उजागर हो चुका है। इसे देखते हुए बीकानेर नगर निगम और नगर विकास न्यास (यूआईटी) ने ऐसी फर्मो को चिन्हित करना शुरू कर दिया है, जिनके निर्माण कार्यो को लेकर घटियापन की शिकायतें मिलती रही है।

आपको बता दें कि कांग्रेस राज में स्थानीय निकायों की ओर से करोड़ों की सडक़ें और विकास कार्य करवाये गये थे। इनमें से ज्यादातर सडक़ें छह महीने भी नहीं टिक पाई और विकास कार्यो में घटियापन उजागर होना शुरू हो गया। इनकी शिकायतों को लेकर स्थानीय निकाय विभाग कोई एक्‍शन ले पाता, इससे पहले ही चुनावी दौर गरमा गया और मामला ठंडा पड़ गया। लेकिन, अब चुनाव निपटते ही स्थानीय निकाय विभाग ने सख्‍ती दिखानी शुरू कर दी है।

बीकानेर शहर में दर्जनों सडक़ों और निर्माण कार्यो में घटियापन उजागर हो चुका है। करोड़ो की लागत से बनी कई सडक़ें घटियापन के कारण चंद महीनों में ही उखडऩी शुरू हो गई। इनमें से ज्यादातर सडक़े नगर निगम और नगर विकास न्यास की ठेकेदार फर्मो की ओर से बनाई गई थी। निर्माण में घटियापन को गंभीरता से लेते हुए अब स्थानीय निकाय विभाग ने ठेकेदार फर्मो का बकाया भुगतान रोकने के साथ ऐसी फर्मो को ब्‍लैकलिस्ट करने के आदेश जारी किये है, जिनके निर्माण में घटियापन उजागर हो चुका है। फिलहाल नगर निगम के घटियापन के लिये सबसे ज्यादा सुर्खियों में रही कई फर्मों को ब्‍लैकलिस्ट करने की तैयारी चल रही है।

अफसरों पर भी गिरेगी गाज!

घटिया निर्माण के लिये सिर्फ ठेकेदार फर्मो पर ही बल्कि उन अभियंताओं पर गाज गिरेगी, जिनकी देख रेख में निर्माण कार्य किये गये थे। असल में, किसी भी निर्माण के लिये संबंधित निकाय के अभियंताओं की जिम्‍मेदारी होती है कि वह निर्माण कार्यो की मॉनिटरिंग करें, लेकिन ज्यादातर अभियंता ठेकेदारों के साथ मिलीभगत के चलते मौके पर मॉनिटरिंग नहीं करते और घटिया निर्माण होने के बावजूद कमीशन के चक्कर में निर्माण कार्यो का वैरिफिकेशन कर देते है। जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ता है।

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