Thursday, September 19, 2024
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स्वच्छ परियोजना में वित्तीय अनियमितताएं, एसीबी से कराई जाएगी जांच, मंत्री ने किया ऐलान

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जयपुर Abhayindia.com जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि स्वच्छ परियोजना में वित्तीय अनियमितताओं की जांच एसीबी से कराई जाएगी। उन्होंने बांसवाड़ा जिले में स्वच्छ परियोजना के तहत लगाए गए परियोजना अधिकारी की नियुक्ति प्रक्रिया की जांच का भी आश्वासन दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि पूर्ववर्ती सरकार के समय में नियुक्त किये गए स्वच्छ परियोजना अधिकारी को वित्तीय अनियमितताओं की शिकायतों के चलते हटाया गया तथा उसके स्थान पर दूसरे समकक्ष अधिकारी को नियुक्त किया गया।

जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्यों द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने जानकारी दी कि वर्तमान में पुनीत रावल, सामाजिक सुरक्षा अधिकारी, बागीदौरा को परियोजना अधिकारी, स्वच्छ परियोजना, बांसवाडा का अतिरिक्त चार्ज दिया गया है।

इससे पहले विधायक अर्जुनसिंह बामणीया के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री ने बताया कि वर्तमान में परियोजना अधिकारी, स्वच्छ परियोजना, बांसवाडा के पद का अतिरिक्त कार्यभार पुनीत रावल, सामाजिक सुरक्षा अधिकारी, बागीदौरा, जिला बांसवाडा के पास है। पुनीत रावल, सामाजिक सुरक्षा अधिकारी का मूल विभाग सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग है।

उन्होंने कहा कि परियोजना अधिकारी स्वच्छ परियोजना बांसवाडा के पद का अतिरिक्त कार्यभार जिला कलक्टर बांसवाडा द्वारा उनके आदेश 01 मार्च 2024 से पुनीत रावल, सामाजिक सुरक्षा अधिकारी, बागीदौरा को प्रदान किया गया है। पुनीत रावल, सामाजिक सुरक्षा अधिकारी को जिला कलक्टर महोदय द्वारा अतिरिक्त कार्यभार दिये जाने आदेश की प्रति, उनके मूल विभाग सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को भी दी गई है।

खराड़ी ने जानकारी दी कि राजस्थान सेवा नियम, 1951 के नियम-35 एवं 50 के अनुसार राज्य सरकार एक सरकारी कर्मचारी को स्वयं के पद के कर्तव्यों के अतिरिक्त, अस्थायी व्यवस्था के रूप में कार्यवाहक रूप से नियुक्त कर सकती है। उन्होंने बताया कि उपनिदेशक, सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता विभाग के पत्रानुसार कार्मिक पुनीत रावल के विरूद्ध अनियमितता की कार्यवाही/प्रकरण विचाराधीन नहीं है एवं न ही लंबित है। इनके खिलाफ पूर्व में भी कोई अनुशासनात्‍मक कार्यवाही नहीं की गई है।

उन्होंने बताया कि कार्मिक विभाग के परिपत्र दिनांक 23 जुलाई 2003 के अनुसार जिन अधिकारियों/कर्मचारियों को आपराधिक प्रकरणों अथवा सीसीए नियम-16 के तहत विभागीय जॉच में सरकार को हानि पहुंचाने/सरकारी धन का दुरूपयोग करने या उसका गबन करने अथवा गंभीर वित्तीय अनियमितता करने जैसे आरोपों के लिए दण्डित किया जा चुका है अथवा ऐसा प्रकरण लम्बित है, को फील्ड पोस्टिग नहीं दिए जाने के निर्देश हैं।

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