जयपुर Abhayindia.com राजस्थान में सत्तासीन कांग्रेस व उसके समर्थक विधायकों में असंतोष खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। आए दिन किस न किसी समर्थक विधायक का सियासी बयान सामने आ रहा है। इसी क्रम में बसपा से कांग्रेस में आने वाले विधायक वाजिब अली का मंत्रियों और ब्यूरोक्रेसी को लेकर दिया गया बयान चर्चा का विषय बन गया है।
विधायक वाजिब अली ने कहा है कि बहुत से मंत्री हैं, जिनके डिपार्टमेंट में कोई काम ही नहीं होते, बीडी कल्ला सहित कई मंत्री हैं। मैंने पहले भी कई बार शिकायत की है। बहुत से मंत्री हैं, उनसे आप जल्दी से मिल ही नहीं सकते हैं। नाम लेने की बात नहीं है, मंत्रियों का रवैया ऐसा है कि उन्हें लगता है कि वे जिंदगी भर के लिए मंत्री बन गए हों, लेकिन ऐसा नहीं है। जनता ने उन्हें बनाया है।
उन्होंने कहा कि सरकार रिपीट करने के लिए अकेले सीएम की मेहनत से ही कुछ नहीं होगा। हम तो मेहनत कर रहे हैं, लेकिन जो नहीं कर रहे हैं। उनका खामियाजा उन्हें भुगतना होगा। बड़ी समस्याएं हैं, अगर वक्त रहते हमने इन्हें एड्रेस नहीं किया तो बहुत बड़ा खामियाजा पूरी सरकार को भुगतना पड़ेगा, मैं साफ शब्दों में कहना चाहता हूं।
विधायक ने कहा कि बहुत से मंत्री हैं, जिनके डिपार्टमेंट में बड़ी समस्या चल रही है। जनता के प्रति जवाबदेही उनकी कम है। न उनसे मिल सकते हैं, न काम होते हैं। शिक्षा विभाग बहुत बड़ी समस्या है। हमारे यहां उर्दू के टीचर पद क्रिएट करने के लिए पिछले 3 साल से मैं लड़ाई लड़ रहा हूं, लेकिन पद क्रिएट नहीं हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने बजट में भी घोषणा की थी। जहां 10 या 20 बच्चे पढ़ते हैं, वहां भी उर्दू सब्जेक्ट मिलेगा। वह नहीं हो पा रहा। जहां पहले मंत्री थे। उनके गृह जिलों में ट्रांसफर हो जाते हैं। हमारे बच्चे 800-1000 किलोमीटर दूर नौकरी कर रहे हैं। 20-20 साल से वह कहां जाएं? पार्टी के कार्यकर्ता और उनके परिवार के लोग जो पार्टी के साथ हैं। जिन्होंने वोट दिए और मेहनत करके सरकार बनाई उनके ट्रांसफर नहीं होते। वाजिब अली ने कहा कि ब्यूरोक्रेसी के हालात वही हैं, उसमें कोई बदलाव नहीं आया है। पता नहीं किस मानसिकता के लोग ब्यूरोक्रेसी में बैठे हैं। जो अलग एजेंडा लेकर चल रहे हैं। पता नहीं क्या सोच है? उनकी जनता के प्रति। हमारी जनता के प्रति जवाबदेही है, जो काम हम कहते हैं। वह हमारे नहीं जनता के काम हैं। मुख्यमंत्री ने जो घोषणा की है, वह जल्दी पूरी होनी चाहिए, लेकिन ब्यूरोक्रेसी का रवैया सुस्त है।