








बीकानेर Abhayindia.com कोरोना वारियर्स नर्सेज के पद नाम परिवर्तन की मांग अब जोर पकड़ने लगी है। राजस्थान नर्सेज यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष देवाराम चौधरी ने बताया कि सभी जिलों मैं नर्सेज के पदनाम को बदलकर नर्सिंग ऑफिसर करने के लिए डिजिटल अभियान चलाया जा रहा है। केंद्र तथा एम्स, पीजीआई चण्डीग़ढ, ईएसआई मॉडल हॉस्पिटल, रेलवे और अन्य राज्यो में नर्सेज के पदनाम परिवर्तन कर दिए है। ये बिना वित्तीय भार नर्सेज के मान- सम्मान की बात है। नर्सिंग प्रोफेशन एक सघर्षमय जिंदगी है जिनको कोरोना, स्वाइन फ्लू जैसी घातक बीमारियों के मरीजों के साथ घण्टों काम करना पड़ता है। इनके मनोबल के लिए वाजिब मांग को समय पर पूरा करना चाहिए। इस मांग को लेकर कई बार नर्सेज मुख्यंमन्त्री, चिकित्सा मंत्री, एसीएस मेडिकल हेल्थ से मिले हैं। इस मांग विभाग द्वारा परीक्षण उपरांत वित विभाग की अनुशंषा के आधार कार्मिक विभाग को भेजी गई थी।
यूनियन के पदाधिकारी साज़िद पड़िहार ने बताया कि राज्य के नर्सेज लम्बे समय से केंद्र के अनुरूप नर्सेज के पदनाम परिवर्तन की मांग कर रहे हैं। नर्स श्रेणी द्वितीय को नर्सिंग ऑफिसर, नर्स श्रेणी प्रथम को सीनियर नर्सिंग ऑफिसर, पब्लिक हेल्थ नर्स को व्याख्याता, नर्सिंग ट्यूटर स्कूल, वरिष्ठ व्याख्याता, नर्सिंग ट्यूटर कॉलेज को सहायक प्रोफेसर, इसी तरह नर्सिंग अधीक्षक को चीफ नर्सिंग ऑफिसर पदनाम परिवर्तन की मांग की जा रही है।
नर्सेज नेता जितेंद्र पंवार ने बताया कि राजस्थान की सभी नर्सेज यूनियन काफी लंबे समय से पदनाम केंद्र के समान नर्सिंग ऑफिसर करने के लिए मांग उठाती आ रही है। कोरोना जैसी विश्व्यापी महामारी में नर्सज दिन-रात अपने जान की बाजी लगा कर योगदान दे रही हैं। उन्हें अब पदनाम बदलकर पुरस्कृत करने का सही समय है। नर्सेज की बिना वित्तीय भार की मांग पदनाम परिवर्तन पूरी करनी चाहिए। जिससे नर्सेज दुगुने जोश के साथ कोविड 19 वैश्विक महामारी के खिलाफ प्रोत्साहित होकर कार्य करेंगे।
इस मांग के समर्थन एक दर्जन मंत्रियों, केद्रीय मंत्रियों और राज्य सभा सासद, वर्तमान सासद, 70 से अधिक विधायको नें मुख्यमन्त्री और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मन्त्री को पत्र लिख कर नर्सेज का पदनाम केंद्र के अनुरूप कर इन कोरोना वारियसर्स नर्सेज का मनोबल बढ़ाने की मांग की है।





