Thursday, April 25, 2024
Hometrendingबीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय : कुशल एवं दक्ष युवा इंजीनियर्स की मांग की...

बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय : कुशल एवं दक्ष युवा इंजीनियर्स की मांग की पूर्ति में अग्रणी कदम

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad

बीकानेर Abhayindia.com पश्चिमी राजस्थान के युवाओं को तकनीकी शिक्षा में सुलभ अवसर प्रदान करने और मरूप्रदेश के विद्यार्थियों को सार्थक तकनीकी शिक्षा, उच्च गुणवत्तापूर्ण की इंजीनियरिंग के अध्ययन और शोध का अवसर प्राप्त प्रदान करने के उदेश्य से राज्य सरकार द्वारा वर्ष में 2017 में बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय अधिनियम 2017 द्वारा बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय की स्थापना तकनीकी शिक्षा के शिक्षण-प्रशिक्षण, अनुसंधान, नवाचार, उद्यमिता और सतत शिक्षा कार्यक्रमों के माध्यम से समाज में मानवीय मूल्यों के निर्माण और कल्याण के उद्देश्य से की गई थी। आज राजस्थान प्रदेश में तकनीकी शिक्षा के व्यापक प्रचार-प्रसार विद्यार्थिओं के कौशल विकास और सर्वश्रेष्ठ अकादमिक दक्षता के निर्माण के साथ तकनीकी शिक्षा के सर्वांगीण उन्नयन की संकल्पना को निरंतर साकार कर रहा है।

बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा नवीनतम प्रौद्योगिकी और तकनीकी में मरूप्रदेश और राजस्थान के अन्य भागों की भौगोलिक परिस्थिति, प्राकृतिक संसाधन और अन्य आवश्यकताओं को समझकर तकनीकी शिक्षा और अनुसंधान के उत्कृष्टता केन्द्र के रूप में नई पहचान स्थापित की हैं। विश्वविद्यालय द्वारा संचालित पाठ्यक्रमों के माध्यमों सक्षम इंजीनियर तैयार कर आधुनिक युग में प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में मानव संसाधन की आवश्यकता को पूरा करते हुए राजस्थान के युवाओं को तकनीकी रूप से कुशल और सक्षम बनाकर स्वरोजगार एवं रोजगार में नियोजित होने के उत्तम अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। अपने स्थापना वर्ष से विश्वविद्यालय द्वारा तकनीकी शिक्षा के प्रभावशाली प्रबंधन, सुदृढ़ सार्थक नीतियों का सफल क्रियान्वन के माध्यम से अपनी राष्ट्रव्यापी पहचान को स्थापित करते हुए नई ऊंचाइयों को प्राप्त किया हैं। सीमित संसाधन होने के उपरांत भी विश्विद्यालय द्वारा कुशल प्रबंधन के साथ व्यापक कार्य योजनाओं पर कार्य किया गया हैं।

पश्चिमी राजस्थान में तकनीकी शिक्षा के सकारात्मक वातावरण के निर्माण करते हुए अपनी स्थापना के मूल उदेश्यों के निहितार्थ के साथ नवोन्मेषी और प्रासंगिक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करते हुए विश्वविद्यालय मरू प्रदेश में विकास के नया आयाम स्थापित कर रहा है। राजस्थान प्रदेश तेजी से विकास कर रहे राज्यों में से एक है और विकास के इस चरण में तकनीकी क्षेत्रों में प्रशिक्षित, कुशल एवं दक्ष युवा इंजीनियर्स की मांग बढ़ी है। इसी माँग कि पूर्ति करते हुए विश्वविद्यालय नीतिगत योजनाओं पर कार्य करते हुए प्रदेश में तकनीकी शिक्षा का सिरमौर बनने के दिशा में अग्रसर हो रहा हैं।

बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय ने प्राथमिकता के साथ विशेष रूप से बुनियादी, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा को मजबूत करने की दिशा में काम किया है ताकि राज्य सरकार दुवारा जिस मंशा के साथ इस विश्वविद्यालय की स्थापना की गयी है उसे सार्थक किया जा सकें। यह विश्वविद्यालय प्रदेश में उच्च शिक्षा की विकास गाथा का साक्षी हैं, हमने विश्विद्यालय के सशक्तिकरण और नवाचार के नवीन अवसरों का सृजन कर शैक्षणिक समुदाय की जिम्मेदारी का सफलतापूर्वक निर्वहन किया हैं। विश्वविद्यालय परिवार और हितधारकों के अथक प्रयास और सुनियोजित कार्ययोजना का ही परिणाम है की बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय मरू भूमि के इंजीनियरिंग शिक्षा की अलख जगा रहा हैं जिससे हमारे प्रदेश के असंख्य युवा लाभान्वित हो रहे हैं। तकनीकी शिक्षा का समन्वित विकास और व्यापक प्रबंधन सुनिश्चित करते हुए बीटीयू विकास की गाथा लिख रहा हैं। साथ ही हम हमारे सभी हितधारकों के आभारी है जिन्होंने बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय को उच्च शिक्षा के राष्ट्रीय मानचित्र पर वैश्विक पहचान दिलाने में महत्तवपूर्ण भूमिका निभाई हैं। हमारे शिक्षक-विद्यार्थी, सम्बद्ध महाविद्यालय एवं हितधारक विश्वविद्यालय के भरोसेमंद भागीदार है, इस आपसी भागीदरी के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की परिकल्पना को साकार करते हुए बीकानेर तकनीकी विश्विद्यालय ने सम्बद्ध कॉलेजो, विद्यार्थियों, शिक्षको को अपना मजबूत भागीदार मानते हुए प्रदेश की तकनीकी शिक्षा को अन्तराष्ट्रीय पहचान दिलाने का सुखद स्वप्न देखा हैं।

राज्य सरकार के मूल्यवान प्रयासों द्वारा तकनीकी शिक्षा के इस प्रकल्प ने पश्चिमी राजस्थान में इंजीनियरिंग शिक्षा में अग्रणीय संस्थान के रूप में पहचान प्रदान की हैं, बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के लिए गौरव की बात है कि युवा विद्यार्थियों में इंजीनियरिंग के प्रति अभिरूचि जगाने एवं तकनीकी शिक्षा के उन्नयन और करियर निर्माण में सराहनीय भूमिका निभा रहा हैं। भविष्य में भी बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के सम्बद्ध इंजीनियरिंग कॉलेज गुणवत्ता में न केवल प्रदेश में बल्कि देश भर के अग्रणी तकनीकी संस्थाओं में अपना स्थान बनाएंगे। उच्च, तकनीकी, कौशल और प्रबंधन शिक्षा को विकसित करते हुए प्रदेश के युवाओं को सक्षम बनाने के लिए बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम के माध्यम से असंख्य युवा भविष्य निर्माण कर रहे हैं। जिससे प्रदेश में तकनीकी शिक्षा के प्रति सकारात्मक माहौल विकसित हुआ हैं।

विश्वविद्यालय द्वारा समय की मांग के अनुरूप तकनीकी पाठ्यक्रमों का स्तर निर्धारित और नवीन पाठ्यक्रमों का निर्धारण करते हुए विद्यार्थियों को रोजगार के श्रेष्ठतम अवसर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप प्रदेश में आने वाले समय में और बेहतर तकनीकी मानव संसाधन उपलब्ध हो सकेंगे परिणामस्वरूप रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे और राज्य सरकार की लाभकारी नीतियों से विधार्थी लाभान्वित होंगे। ऐसे में प्रदेश के विश्वविद्यालयों और इंजीनियरिंग कॉलेजो को विधार्थियों के विश्वास की अवधारणा को ईमानदारी से पूर्ण करना होगा। आज वर्तमान समय में तकनीकी शिक्षा की व्यापकता को प्रोत्साहन देने पर ही नामांकन में वृद्धि होगी दुनिया भर में तकनीकी क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन हो रहे हैं। ऐसे में इंजीनियरिंग के विद्यार्थी नवीनतम और श्रेष्ठतम तकनीकी अकादमिक नवाचारों में दक्षता हासिल कर प्रतिस्पर्धी बनेंगे और यह मानव संसाधन की वैश्विक मांग की पूर्ति करेंगे।

विश्वविद्यालय ने विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास और उच्च एवं तकनीकी शिक्षा की अभिव्यक्ति की संभावनाओं को साकार रूप देने और सशक्त बनाने के लिए कृतसंकल्पित और प्रतिबद्ध होकर कार्य किया है। इसी प्रतिबद्धता के साथ विश्वविद्यालय उपलब्धियों के प्रदेश में निरंतर नवीन मानदंड स्थापित कर रहा हैं। हमनें नवाचारों, उन्नत पाठ्यक्रमों के साथ अपने शैक्षणिक अनुसंधान को व्यापक बना कर राजस्थान राज्य के अन्य विश्वविद्यालयो के समक्ष अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया हैं। विश्वविद्यालय के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान करते हुए एवं समय के साथ उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के बदलते स्वरूप को अपनाते हुए विश्वविद्यालय ने श्रेष्ठ नवीनतम तकनीक, विकसित पाठ्यक्रम, शोध-अनुसंधान, नवाचार, लाभदायक अकादमिक योजनाओं एवं नीतिगत योजनाओं पर कार्य करते विश्वविद्यालय के विकास के पूर्ण प्रयास किए गए हैं।

विद्यार्थियों को स्टार्टअप से जोड़ने और व उद्यम का मार्ग प्रशस्त करने के उदेश्य से टेक्नोलॉजी इन्क्यूबेशन सेंटर की स्थापना के भी लिए प्रयास जारी हैं। ताकि अनुसन्धान को बढ़ावा मिल सके और विधार्थियों को इनोवेटिव आइडिया और टेक्नोलॉजी की मदद से बिजनेस मॉडल के रूप में विकसित किया जा सके। समय के साथ तकनीकी शिक्षा में ज्ञान और कौशल, नवाचारों की भूमिका बढ़ी विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय शिक्षा निति के सुधारात्मक बिन्दुओं का समावेश कर विश्वविद्यालय, सम्बद्ध महाविद्यालयों, संकाय सदस्यों और विद्यार्थियों के शैक्षणिक उन्नयन के लिए कार्य किया हैं। पाठ्यक्रम में नवाचारो को अपनाने के साथ नए रोजगारपरक पाठ्यक्रम को अपनाना कर विधार्थियों को रोजगारोन्मुखी शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।

विश्वविद्यालय की समग्र प्राथमिकता को सुनिश्चित करने के मुख्य ध्येय रहेगा साथ ही उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करते हुए बीटीयू को प्रदेश के “उत्कृष्ट विश्वविद्यालय” की अग्रणी पंक्ति में शामिल होने की दिशा में आगे बढ़ रहा हैं। तकनीकी शिक्षा की नवीनतम प्रणालियों को अपनाते हुए हम विधार्थियों को तकनीकी रूप से उन्नत कर रहे हैं। आज पूरी दुनिया में तकनीकी शिक्षा की भूमिका और महत्व को रेखांकित किया गया है। पाठ्यक्रमों में मानवीय मूल्यों का समावेश एवं ह्यूमन वैल्यू का क्रेडिट कोर्स के रूप संचालन, इंजीनियरिंग के विधार्थियों को शोध और अनुसंधान के जोड़ने, नवीनतम टेक्नोलॉजी के साथ विश्वविद्यालय को हाईटेक बनाने, डिजिटलीकरण के माध्यम से विधार्थियों को कौशल विकास में दक्षता, आइडिया लैब के स्थापना, संबंद्ध महाविद्यालयों की रैंकिंग, विभिन्न संस्थाओं के साथ एमओयू, शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों से संवाद स्थापित कर उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान, छात्रों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाना, स्वच्छ शैक्षणिक माहौल तैयार करना, तकनीकी शिक्षा में अभिनव योजनाओ का क्रियान्वयन, नवाचार व नव अकादमिक योजनाओं का सृजन कर विद्यार्थियों का सशक्तिकरण के प्रयास, शिक्षकों एवं विद्यार्थियों के विकास के लिए आयोजित कार्यशालाए, शैक्षणिक व सह शैक्षणिक गतिविधियां, शिक्षा की गुणवत्ता का निर्धारण एवं प्रभावी शिक्षण व्यवस्था, छात्र सुविधाओं पर विशेष प्राथमिकता, अखिल भारतीय तकनिकी शिक्षा परिषद की नीतियों और योजनाओं का सफल क्रियान्वयन, नवीन पाठ्यक्रमों का समावेश जैसे असंख्य विषयों पर कार्य करते हुए विश्वविद्यालय ने अपनी महत्तवपूर्ण भूमिका निभाई हैं।

बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय ऐसी युवा-पीढ़ी का निर्माण करने की संकल्पना रखता है जो समग्र व्यक्तित्व के विकास के साथ रोजगार-कौशल व चारित्रिक-दृष्टि से विश्वस्तरीय हो। पाठ्यक्रमो में मानवीय मूल्यों के समावेश के साथ ऐसी शिक्षा-व्यवस्था का सृजन करना चाहते है जो भारतीय सभ्यता और संस्कृति, ऐतिहासिक ज्ञान परम्परा, नैतिक मूल्य, आधुनिक ज्ञान और तकनीक में समन्वय स्थापित करते हुए विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं अभिभावकों में ऐसी सोच विकसित कर सके जो सम्पूर्ण सृष्टि के कल्याण को प्राथमिकता प्रदान करे। निश्चय ही यह व्यवस्था आने वाले समय में सम्पूर्ण प्रदेश के विद्यार्थियों के नैतिक रूप से उन्नत करेगी साथ ही ऐसे विश्वस्तरीय शिक्षा मानकों के निर्माण करेगी जिसके आधार पर विश्वविद्यालय के शिक्षकों में भी गुणात्मक अध्ययन-अध्यापन एवं शोध की क्षमता में निरंतर वृद्धि हो सके। युवाओं को राजस्थान प्रदेश में ही रोजगार के स्वर्णिम अवसर प्राप्त हों सकें इसके लिए विश्वविद्यालय कई बड़ी कंपनियों, उद्योगों और संस्थानों के साथ समझौते कर रहे हैं।

साथ ही कई बड़ी कंपनियों के सहयोग से युवाओं के कौशल विकास के लिए विश्वविद्यालय में इनक्यूबेटर केन्द्र की स्थापना पर कार्य कर रहे हैं। विश्वविद्यालय में प्लेसमेंट,उद्यमिता और उद्योग-संस्थान सहयोग प्रकोष्ठों की स्थापना कर युवाओं के कौशल विकास पर कार्य किया जा रहा है। प्रदेश के युवा इस राज्य के सबसे बड़े संसाधन हैं। हमें विश्वास है कि जब तकनीकी कौशल युक्त उच्च तकनीकी शिक्षा प्राप्त स्थानीय युवा उपलब्ध होंगे तो अनेकों बड़े उद्योग स्वयं ही यहाँ स्थापित होंगे। इस प्रकार उत्पन्न रोज़गार के अवसरों से न केवल स्थानीय निवासी बल्कि सम्पूर्ण राजस्थान राज्य समृद्ध और खुशहाल होगा। इन उद्देश्यों के साथ बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय में आधुनिकतम और सार्थक तकनीकी शिक्षा प्रदान करने का प्रयास कर रहे हैं जिससे यह विश्वविद्यालय राजस्थान के चहुंमुखी त्वरित विकास के लक्ष्य में अपना योगदान दे सके। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कौशल विकास पर अधिक बल दिया है। कौशल विकास को बढ़ावा देने एवं स्वरोजगार के लिए लोगों को प्रेरित करना ज़रूरी है।

हमारा उद्देश्य है कि यह विश्वविद्यालय राष्ट्रीय स्तर का उत्कृष्ट संस्थान बनने के साथ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समुदायों की सेवाओं की उत्कृष्टता के लिए सदियों तक जाना और पहचाना जाए, हम न केवल टेक्नोक्रेट्स और पेशावर प्रबंधकों को विकसित करना चाहते है बल्कि मानव मूल्यों के निर्वहन के साथ पेशावर टेक्नोक्रेट्स को भी तैयार करना चाहते हैं जो समाज और हमारे देश में उल्लेखनीय योगदान प्रदान करें, हमारा दृष्टिकोण है की विद्यार्थियों को कल के प्रतिष्ठित नागरिक और सफलतम टेक्नोक्रेट्स बनने के लिए एक जज्बा और उत्साह प्रदान किया जाए ताकि आगे चल कर यह हमारे विद्यार्थी राष्ट्र के विकास में अपने भूमिका का निर्वाह कर सके। हमारा लक्ष्य है की बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय गुणवत्ता शिक्षा के लिए सम्पूर्ण राजस्थान ही नहीं अपितु पुरे देश में अपनी एक पहचान स्थापित करे। विद्यार्थी जीवन युवाओं के भविष्य निर्माण का अमूल्य काल होता है, एक अभिभावक के रूप में विद्यार्थी की जीवन के स्वर्णिम अध्याय लिखने में विश्वविद्यालय ने अपनी सफल भूमिका का निर्वहन किया हैं।

शिक्षा के माध्यम से केवल भौतिक संपन्नता प्राप्त करना ही पर्याप्त नहीं होता, शिक्षा द्वारा हम एक अच्छे इंसान और बेहतर नागरिक भी बनने चाहिए। परंपरा के साथ नवीन ज्ञान-विज्ञान, श्रेष्ठ मूल्यों व नैतिक आदर्शों का समावेश शिक्षा को अधिक प्रभावपूर्ण बना सकता है। विद्यार्थी हमारी शिक्षा व्यवस्था के मूल स्तम्भ हैं। शिक्षा को अधिक से अधिक रोजगारपरक बनाया जाए, तभी विद्यार्थी अपने भविष्य को सुरक्षित बनाकर बेहतर इंसान बन सकते हैं। इस स्वप्न को साकार करने की दिशा हम सब को सामूहिक प्रयास करने होंगे। योग्य समर्पित, ईमानदार, सहृदय व निष्ठावान विद्यार्थी वर्तमान शिक्षा के स्वरूप में बदलाव ला सकते हैं। इस संदर्भ में विद्यार्थी का उत्तरदायित्व महत्त्वपूर्ण है, मुझे आशा है कि बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त करने के बाद विद्यार्थी राजस्थान के आर्थिक और सामाजिक विकास की दर में तेजी लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा विगत वर्षों में अर्जित की गई उपलब्धियां…

-तकनीकी शिक्षा के पाठ्यक्रमों में मानवीय मूल्यों का समावेश करने और शिक्षा के साथ विद्यार्थियों को मानवीय स्वरूप से जोड़ेंने, चारित्रिक कौशल का निर्माण करने, नैतिक उन्नयन और शिक्षा के साथ संस्कार प्रदान करने के उद्देश्य से तकनीकी शिक्षा के पाठ्यक्रमों में मानवीय मूल्यों का समावेश करने वाला प्रदेश का प्रथम विश्वविद्यालय, जिसे राष्ट्रीय स्तर पर और प्रदेश की तकनीकी शिक्षा में नैतिक उन्नयन के नवाचार के रूप में रेखांकित किया गया है। बीटीयू द्वारा बहुत ही दूरदर्शिता और और मजबूत नीति के साथ इस नवाचार का सम्पूर्ण प्रदेश में प्रभावी क्रियान्वयन किया गया हैं।

-नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन कर अनुरूप पाठ्यक्रम व योजना विकसित कर बना प्रदेश का प्रथम विश्वविद्यालय, पाठ्यक्रम के बदलते स्वरूप को अपनाने के साथ बीटीयू कर अकादमिक उत्कृष्टता में हुई वृद्धि।

-राजस्थान प्रदेश के इंजीनियरिंग छात्रों की रचनात्मक, उद्यमशीलता, कौशल को विकसित करने एवं उनकी कल्पना और आइडियाज को मूर्त रूप देने एआईसीटीई प्रायोजित 1 करोड़ की लागत से आइडिया लैब की स्थापना करने वाला यह प्रदेश का प्रथम तकनीकी विश्वविद्यालय है जो विद्यार्थी के आइडियाज को नवाचार के साथ जोड़ रहा है। परिणाम स्वरूप असंख्य युवा अन्वेषकों को तैयार करने में मदद मिलेगी, जो आने वाले समय में युवा उद्यमियों के रूप में विकसित होंगे और भारत का अभूतपूर्व विकास सुनिश्चित करेंगे। विद्यार्थिओं में उद्यमशीलता की संस्कृति को बढ़ावा देते हुए इस आईडिया लैब की स्थापना शोध और अनुसन्धान की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।

-सिविलवॉलेट फाउंडेशन के साथ एमओयू कर सम्बद्ध महविद्यालय के विद्यार्थियों के सामुदायिक विकास और विद्यार्थियों की सामाजिक, भावात्मक, सर्वांगीण सुरक्षा व महाविद्यालयों में उच्च सुरक्षा मानको का नवाचार एहसास (EHASAS-इन्हेंस्मेंट इन होलिस्टिक एप्रोच फॉर सेफ्टी एंड सिक्युरीटी) के नीतिगत मॉडयूल्स एवं अभिनव परियोजना “सिंबल ऑफ़ सेफ्टी” का होगा क्रियान्वयन करने वाला बना प्रदेश का प्रथम विश्वविद्यालय

-ग्रामीण परिवेश के विद्यार्थिओं हेतु वर्तमान रोजगार परिदृश्य में घटते परम्परागत रोजागर के क्षेत्रों के कारण कृषि आधारित रोजगार के संभावनाओ के उभरते नवीन विकल्प के साथ एमबीए एग्रीबिजनेस मैनेजमेंट का नवीन पाठ्यक्रम प्रारम्भ कर रोजगार से स्वर्णिम अवसर प्रदान किया गया हैं। इस पाठ्यक्रम से पश्चिमी राजस्थान के मरू प्रदेश के असंख्य ग्रामीण विद्यार्थी लाभान्वित हो रहे हैं।

-पर्यावरण संरक्षण एवं पारिस्थितिक संतुलन के प्रति तकनीकी शिक्षा के विद्यार्थियों एवं प्रदेश के सभी सम्बद्ध 42 महाविद्यालयों में जागरूकता लाने हेतु अपने नवाचार के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण से जुडी इको ब्रिक परियोजना का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन कर विद्यर्थियो को पर्यावरण के प्रति उनके दायित्व से नवाचार और प्रयोगिक रूप से जोड़ा गया हैं।

-विद्यार्थियों के ग्रामीण संस्कृति से जुड़ाव, ग्रामीण उद्यमिता, ग्राम सशक्तिकरण, ग्रामीण विकास एवं शोध पर कार्य, सामाजिक एवं पर्यावरणीय मूल्यों को विकास, पर्यावरण संरक्षण जागरूकता लाने हेतु महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद, उच्च शिक्षा विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार एवं बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय, बीकानेर के मध्य एमओयू सम्पन्न किया गया है,जिसके अन्तर्गत विश्वविद्यालय के ग्रामीण उद्यमिता विकास प्रकोष्ठ द्वारा सराहनीय कार्य करने के फलस्वरूप मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय ग्रामीण उद्यमिता मिशन के सदस्य के रूप में मान्यता प्रदान की गई है।

-विश्वविद्यालय द्वारा प्रदेश की तकनीकी शिक्षा की नामांकन वृद्धि, गुणवत्ता सुधार, अभियांत्रिकी महाविद्यालयों एवं हितधारको के सुदृढ़ीकरण एवं विद्यार्थियों के सशक्तिकरण, सम्बद्ध महाविद्यालय और उच्च शिक्षा के समन्वित विकास हेतु सशक्त भागीदारी का अभियान “विश्वविद्यालय आपके द्वार” का आयोजन किया गया। इस अभियान के अंतर्गत विश्विद्यालय और महाविद्यालय द्वारा एक मंच पर संवाद श्रृंखला आयोजित कर तकनीकी शिक्षा के उन्नयन का साँझा प्रयास किया गया। विश्वविद्यालय और कॉलेजो की आपसी भागीदारी के इस उन्नत मॉडल ने तकनीकी शिक्षा की उन्नती की दिशा में राजस्थान प्रदेश में आधारस्तंभ के रूप में पहचान स्थापित की है।

-जिला प्रशासन बीकानेर के प्रयासों से सिरेमिक इलेक्ट्रिक रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर के संचालन के लिए सिरेमिक इलेक्ट्रिक रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर और बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के मध्य एमओयू किया गया, जिसके परिणाम स्वरूप विश्वविद्यालय द्वारा सिरेमिक से संबंधित इंजीनियरिंग के कोर्स भी करवाए जा सकेंगे साथ ही स्थानीय उद्योगों के साथ-साथ विद्यार्थियों को भी लाभ मिल सकेगा।

-बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गाँव पलाना में विश्वविद्यालय की यूनिवर्सिटी सोशल रिस्पांसिबिलिटी सेल द्वारा गांव को उत्कृष्ट बनाने, ग्राम विकास और संवर्धन, ग्रामीणों में जागरूकता के सराहनीय कार्यकिए गए हैं। विश्वविद्यालय द्वारा गाँव पलाना को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम करना करते हुए जन जागरूकता अभियान के माध्यम से विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं, जिसके फलस्वरूप अभूतपूर्व परिवर्तन आए है और असंख्य स्थानीय ग्रामीण को लाभान्वित हो रहे है।

-शिक्षा के साथ विद्यार्थिओं को शोध और अनुसंधान, उद्योगों से जोड़ने, शैक्षिक आदान-प्रदान, पारस्परिक रूप से लाभप्रद क्षेत्रों में दोनों संस्थानों के बीच पहल करने के उद्देश्य से विभिन्न औधोगिक ईकाइयों, कम्पनियों, अन्य विश्वविद्यालयों और संस्थाओं के साथ 28 एमओयू सम्पन्न किए गए है।

-विगत वर्षो में विद्यार्थियों को रोजगार के स्वर्णीम उपलब्ध करवाने हेतु विश्वविद्यालय व उनके सम्बद्ध महाविद्याओं द्वारा समय-समय पर कैम्पस प्लेसमेंट द्वारा विभिन्न कंपनियों, ओद्योगिक इकाइयों के साक्षात्कार आयोजित करवाये गये जिसमें प्रतिष्ठित कंपनियों द्वारा विद्यार्थियों का प्लेसमेंट किया गया जिसमें विद्यार्थियों को रोजगार के निम्नांकित सुलभ अवसर प्रदान किये गये।

(1) विगत वर्षो में 339 अंतर्राष्ट्रीय स्तर की, 1010 राष्ट्रीय स्तर की, 363 राज्य स्तर सहित कुल 1579 कंपनियों द्वारा कैंपस साक्षात्कार आयोजित किया गया जिसके अंतर्गत कुल 5125 विद्यार्थियों के रोजगार के प्रस्ताव/उपलब्ध कराया गया।

(2) विगत वर्षो में न्यूनतम पैकेज 3.5 लाख एवं अधिकतम पैकेज 38 रहा है।

(3) विगत वर्षो में नियोजन/रोजगार के लिए उद्योगों/कंपनियों के साथ कुल 309 समझौता ज्ञापन सम्पन्न हुए।

(4) विगत वर्षो में 254 विद्यार्थी राज्य सरकार की सेंवाओ में नियोजित हुए है।

(5) विगत वर्षो में 155 विद्यार्थी केंद्र सरकार की सेंवाओ में नियोजित हुए है।

(6) विगत वर्षो में महाविद्यालयों द्वारा 19 रोजगार शिविर के माध्यम से विद्यार्थियों के नियाजन के प्रयास किए गए हैं।

-अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद, नई दिल्ली के अनुमोदन के साथ विश्वविद्यालय द्वारा बी.आर्क एवं बी.डिजाइन जैसे पेशावर और रोजगार परक पाठ्यक्रम प्रारम्भ किए गया है, जिसमें प्रवेश लेकर विद्यार्थी रोजगार उन्मुखी शिक्षा प्रदान कर रहे है।

-विश्वविद्यालय विभिन्न विभागों को नैक एवं एनआईआरएफ रैंकिंग हेतु प्रयासरत है इस हेतु कार्ययोजना पर कार्य किया किया जा रहा है, जिससे आने वाले समय में विश्वविद्यालय की अकादमिक साख में वृद्धि होगी।

-समय-समय पर आयोजित राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय कार्यशालाओं, संकाय विकास कार्य्रकम, प्रशिक्षण शिविरों, संवाद कार्यकर्मों, विभिन्न शैक्षणिक कार्यकर्मों, अकादमिक गतिविधियों, शोध-अनुसंधान कार्यकर्मों, शैक्षणिक कार्यकर्मों, सेमिनार्स, वेबिनार्स, समझौता ज्ञापन, शैक्षणिक आदान-प्रदान, सम्बद्ध महाविद्यालयों का मानकीकरण सहित अन्य कई योजनाओं के माध्यम से विश्वविद्यालय दिन-प्रतिदिन प्रगति की दिशा में सशक्त भूमिका का निर्वहन कर रहा है।

-समय-समय पर आयोजित अकादमिक परिषद एवं प्रबंधन मंडल की बैठकों में विद्यार्थियों, सम्बद्ध महाविद्यालयों विश्वविद्यालय के सशक्तिकरण हेतु लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों के माध्यम से विश्वविद्यालय अपने हितधारकों की हित सुनिश्चित कर रहा हैं।

-अकादमिक उत्कृष्टता की प्राथमिकता का निर्धारण करते हुए विश्वविद्यालय द्वारा नव अकादमिक योजनाओं का निर्माण करते हुए सम्बद्ध महाविद्यालयों और विद्यार्थियों हेतु प्रभावी रूप से क्रियान्यवन व सफलतापूर्वक लागू किया गया है, फल स्वरूप असंख्य विद्यार्थियों के अकादमिक कौशल में गुणात्मक रूप से वृद्धि हुई हैं।

-बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा समय-समय पर अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, राजभवन, राज्य सरकार, तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों, कल्याणकारी नीतियों, लाभकारी अकादमिक योजनाओं और तकनीकी शिक्षा के गुणवत्ता कार्यक्रमों का प्राथमिकता के साथ सफल क्रियावयन किया हैं। फलस्वरूप हमारे सम्बद्ध एवं संघटक महाविद्यालय और उनसे जुड़े असंख्य विद्यार्थी और हितधारक लाभान्वित हो रहे हैं। –विक्रम राठौड़, जनसम्पर्क अधिकारी, कुलपति सचिवालय, बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad
Ad
- Advertisment -

Most Popular