Monday, April 21, 2025
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एलर्जी और होम्योपैथी : जानिये, इसके लक्षण, प्रकार और उपचार…

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बीकानेर Abhayindia.com अधिहृषता या “प्रत्यूर्जता” जिसे अंग्रेजी मे एलर्जी कहते हैं। यह मूलतः प्रतिरक्षा प्रणाली की व्याधि है। जब हमारा शरीर किसी चीज को बर्दाश्त नहीं कर पाता और उसके संपर्क में आने से ओवर-रिऐक्ट करता है, जैसे- किसी खास तरह की खुशबू, खान-पान, धूल-मिट्टी, धुआं आदि।

एलर्जी के लक्षण : खुजली, छींक, सांस लेने में तकलीफ और आंख-नाक से पानी आना, उल्टी-दस्त, भूख न लगना, पेट दर्द, रक्तचाप, बेहोशी आदि हैं।

एलर्जी के मुख्य प्रकार…

  1. खाद्य पदार्थ से एलर्जी : इसमें किसी भी खाने की वस्तु से एलर्जी हो सकती है जैसे- मूंगफली, नट्स, मछली, सोया, गेहूं, शेलफिश, दूध और अंडे, प्रोसेस्ड फूड आदि।
  2. दवाओं से एलर्जी : कुछ दवाओं पर प्रतिक्रिया, आमतौर पर पेनिसिलिन या पेनिसिलिन-आधारित एंटीबायोटिक्स आदि।
  3. लेटेक्स से एलर्जी : यह गुब्बारे, रबर बैंड और कलर पेंट आदि या किसी भी तरह के लेटेक्स कणों के सांस में आने से उत्पन्न हो सकती है।
  4. कीड़े जनित एलर्जी : ततैया या मधुमक्खी, भँवरा या कोई भी जहरीले कीट के डंक या किसी कीड़े के काटने से होती है।
  5. वायुजनित एलर्जी : सांस के माध्यम से प्रवेश करने वाले कण, जैसे फफूंद, धूल के कण, परागकण और जानवरों के बाल।
  6. त्वचा की एलर्जी : यह रासायनिक कॉस्मेटिक के प्रयोग और डिटर्जेंट, साबुन या अन्य कारण हो सकते है।

एलर्जी का होम्योपैथी में उपचार : एलर्जंन की पहचान करना, मूल कारण एवं लक्षण को दवाओं से ठीक करके प्रतिरक्षा प्रणाली को विकसित किया जाता हैं जिससे एलर्जी जड़ से समाप्त हो जाती हैं और रोगी पूर्णत: स्वस्थ हो जाता है।

होम्योपैथी में प्रत्येक रोग को ठीक करने की क्षमता है क्योंकि इसमे प्रत्येक रोगी के शारीरिक एवं मानसिक लक्षणों के अनुरूप दवाई दी जाती जिससे रोग जड़ से ठीक होता है।

होम्योपैथी केवल Chronic Disease मे लाभकारी है यह गलत धारणा बनी हुई हैं यह त्वरित रोगों मे भी एलोपैथी के समान ही तुरन्त लाभ देती है। -डॉ. भाग्‍यश्री कुलरिया, बीकानेर

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