रायपुर Abhayindia.com छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में चल रहे कांग्रेस के 85वें अधिवेशन के तीसरे और आखिरी दिन राहुल गांधी ने अपने भाषण में भारत जोड़ो यात्रा के अनुभव साझा किए। इसके अलावा साल 1977 से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा भी बताया। राहुल गांधी ने कहा कि 52 साल हो गए मेरे पास अपना घर नहीं है। इलाहाबाद में भी वो हमारा नहीं है। मेरा घर से अजीब रिश्ता है, 12 तुगलक लेन में रहता हूं। मैं 1977 में 6 साल का था। मुझे चुनाव के बारे में नहीं पता था। मैंने मां से पूछा कि क्या हुआ? मां ने कहा कि हम घर छोड़ रहे। तब तक मुझे लगता था कि वह हमारा घर है… मैं इस बात पर हैरान था। 52 साल हो गए, मेरे पास घर नहीं है।
राहुल गांधी ने भाषण के दौरान भारत जोड़ो यात्रा से जुड़े अपने अनुभव भी साझा किए। उन्ळोंने कहा कि यात्रा शुरू करने से पहले घमंड था कि फिट आदमी हूं, 10-12 किमी दौड़ लेता हूं। 20-25 किमी कौन सी बड़ी बात है, लेकिन यात्रा के समय कॉलेज में पढ़ते वक्त फुटबॉल खेलते लगी चोट उभर आई। ऐसे में मै परेशान हो गया कि 3500 किमी यात्रा कैसे पूरी होगी। मुझे भारत माता ने कहा कि चलना है तो घमंड छोड़ो, नहीं तो यात्रा मत करो।
उन्होंने कहा कि चार महीने कन्याकुमारी से कश्मीर तक मैंने यात्रा की। इससे बहुत कुछ सीखने को मिला। यात्रा से किसानों का दर्द समझा। देश को देखने का मौका मिला। यात्रा के दौरान जैसे ही हम किसानों और नौजवानों से मिलते थे। उनसे हाथ मिलाते थे। गले मिलते थे। ऐसा लगता था सब ट्रांसमिशन हो जाता था। शुरुआत में लोग पूछते थे क्या कर रहे हो लेकिन यात्रा के एक महीने के भीतर ऐसा हो गया कि लोगों के गले लगते ही सारी बातें समझ में आ जाती थी। मैं जो लोगों से कहना चाहता था उसे वो तुरंत समझ जाते थे।
राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि हमने लाल चौक पर हजारों लोगों के साथ तिरंगा फहराया यही अंतर है हमें और उनमें। सावरकर की विचारधारा है कि जो आप से मजबूत है उसके सामने झुक जाओ। यह कौन सी देशभक्ति है। जो आप से ताकतवर है उसके सामने झुक जाओ और जो कमजोर है उसे मारो।
अधिवेशन में प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि राहुल गांधी ने कांग्रेस की विचारधारा की एक लंबी लाइन खींच दी। जो अभी तक नहीं हुआ था उन्होंने करके दिखाया है। यह सब बातें हमें पब्लिक के बीच ले जानी है। हम से लोगों को उम्मीद है, सबसे ज्यादा उम्मीद लोगों को कांग्रेस पार्टी से है। वे जानते हैं कि हम इस उम्मीद पर खरे उतर सकते हैं। आप लोग जब यहां से आज जाएंगे तो वहां जाकर नए नए लोगों को जोड़िए। मिसाल बने की राजनीति किस तरह होना चाहिए।