सुरेश बोड़ा/बीकानेर abhayindia.com बीकानेर नगर निगम के महापौर चुनाव को लेकर सियासी भूचाल आने की आहट अब साफतौर पर सुनाई देने लगी है। आगामी 26 नवम्बर को होने वाले महापौर के चुनाव को लेकर भले ही भाजपा बहुमत का आंकड़ा अपने हाथ में लेकर बैठने का दावा कर रही है, लेकिन यह आंकड़ा उनके हाथ से सरक भी सकता है। इसी आशंका के चलते केन्द्रीय राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल खेमे में खलबली मचनी शुरू हो गई है।
पुख्ता खबर यह आ रही है कि भाजपा की ओर से महापौर पद के लिए तय किए गए प्रत्याशी को लेकर कई पार्षद अब भी असंतुष्ट नजर आ रहे हैं। इसके अलावा उपमहापौर के लिए भी दावेदारों की संख्या बढने से असंतोष का ग्राफ चढता नजर आ रहा है। ऐसे में कहा जा रहा है कि असंतुष्ट पार्षद चुनाव के दौरान अपना विरोध जाहिर कर सकते हैं।
सूत्रों का दावा है कि असंतुष्ट पार्षद चुनाव में भले ही क्रॉस वोटिंग नहीं करें, लेकिन वे अपने विरोध का दूसरा रास्ता जरूर अख्तियार कर सकते है, जिससे बहुमत का समीकरण ही गडबडा जाए। इन्हीं खबरों के सहारे कांग्रेस भी अब महापौर चुनाव को लेकर पूरी मुस्तैदी दिखा रही है। कांग्रेस नेताओं का दावा है कि भाजपा के असंतुष्ट पार्षद उनका काम काफी आसान कर सकते हैं। ऐसे में उन्हें फ़िलहाल जोड़-तोड़ की जरूरत नहीं है। हालांकि पार्टी करीब सात निर्दलीयों का समर्थन हासिल करने का दावा पहले ही कर चुकी है, ऐसे में भाजपा के असंतुष्ट पार्षदों की क्रॉस वोटिंग अथवा मतपत्र खाली छोड़ने जैसी कोई भी हरकत कांग्रेस के लिए ऑक्सीजन का काम कर सकती है।
सूत्रों से पता चला है कि भाजपा के कई पार्षदों का यह मानना है कि बीकानेर की राजनीति में केन्द्रीय राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल की केंद्रीयकृत व्यवस्था से उनके राजनीतिक भविष्य पर प्रश्न चिन्ह लग रहा है, ऐसे में वे अपना विरोध खुलेतौर पर भी जाहिर कर सकते हैं। बहरहाल, भले ही भाजपा बहुमत को लेकर आश्वस्त नजर आते हुए उक्त खबरों को खारिज करती रहे, लेकिन कहीं न कहीं उनके आला नेताओं के ललाट पर चिंता की लकीरें साफ दिख रही है।
इसी से उत्साहित कांग्रेस ने शुक्रवार शाम से ही बहुमत का जादुई आंकड़ा जुटाने के लिए अपनी कमर पूरी तरह कस ली है। इसी के चलते डॉ. बी. डी. कल्ला, यशपाल गहलोत, गोपाल गहलोत, मकसूद अहमद सहित कई नेता अपनों के अलावा परायों को भी साधने में पूरी तरह जुट गए हैं। इधर, भाजपा भी अपने पार्षदों को कडी निगहबानी में रखते हुए सब-कुछ ठीक होने का दंभ ठोंक रही है। अब यह देखना बेहद दिलचस्प होगा कि आखिरकार ऊंट किस करवट बैठता है।
आपको बता दें कि महापौर चुनाव को लेकर भाजपा ने जहां सुशीला कंवर राजपुरोहित को प्रत्याशी बनाया है, वहीं कांग्रेस ने अंजना खत्री को प्रत्याशी बनाया है।
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