जयपुर (अभय इंडिया न्यूज)। लोकसभा चुनावों में भाजपा इस बार प्रदेश में कई मौजूदा सांसदों के टिकट काट सकती है। ऐसे सांसदों की संख्या आधा दर्जन बताई जा रही है। जिन्हें अपना टिकट कटने का डर सता रहा है वे पार्टी के शीर्ष नेताओं के इर्द-गिर्द मंडराने लगे हैं।
प्रदेश की कुल 25 लोकसभा सीटों में से 22 पर वर्तमान में भाजपा का कब्जा है। वर्ष 2014 के चुनाव में भाजपा ने हालांकि सभी 25 सीटें जीत ली थी, लेकिन 2018 के उपचुनावों में अलवर और अजमेर सीट पार्टी के हाथ से निकल गई। इसके बाद दौसा से भाजपा सांसद रहे हरीश मीणा कांग्रेस खेमे से विधायक का चुनाव लड़ कर विधानसभा पहुंच गए. ऐसे में अब भाजपा को इन तीनों सीटों पर दमदार उम्मीदवारों के लिए मशक्कत करनी पड़ेगी।
पार्टी सूत्रों की मानें तो बाड़मेर से कर्नल सोनाराम के टिकट पर संकट मंडरा रहा है, क्योंकि विधानसभा में न केवल वे खुद हारे, बल्कि बाड़मेर लोकसभा की आठ सीटों में से केवल एक सीट ही भाजपा के खाते में ला सके। इसी तरह सीकर से सुमेधानंद सरस्वती की टिकट भी खतरे में बताई जा रही है। इन्होंने विधानसभा चुनाव में अपने क्षेत्र की छह सीटें गंवाई हैं। इसके अलावा करौली धौलपुर सांसद मनोज राजौरिया, झुंझुनूं से सांसद संतोष अहलावत, बांसवाड़ा से सांसद मानशंकर निनामा, भरतपुर से सांसद बहादुर सिंह कोली, श्रीगंगानगर से निहाल चंद मेघवाल, चूरू से राहुल कस्वां, जयपुर से रामचरण बोहरा, राजसमंद से हरिओम सिंह राठौड़ के टिकटों पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं।