





श्रीगंगानगर Abhayindia.com जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग वृत श्रीगंगानगर ने आमजन से जल बचत का आह्वान किया है। विभाग की ओर से जारी अपील में बताया गया है कि वर्तमान में नहरबंदी की स्थिति को ध्यान में रखते हुए जल का विवेकपूर्ण उपयोग करें और घर-घर समुचित पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने में विभाग का सहयोग करें। जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है, वैसे-वैसे जल की मांग में भी तेजी से बढोतरी हो रही है। ऐसे समय में जब नहरबंदी के कारण जल संरक्षण की आवश्यकता और अधिक बढ़ जाती है। पेयजल का सदुपयोग न केवल आज की जरूरत है बल्कि आने वाले दिनों के लिए भी सुरक्षा कवच है।
विभाग की ओर से जारी अपील में कहा गया है कि नहरबंदी के कारण जलापूर्ति में व्यवधान ना हो, इसके लिए विभाग ने अपने स्तर पर जल भंडारण की पूर्व तैयारी कर ली है। वाटर वर्क्स की डिग्गियों में पर्याप्त जल का संग्रहण किया गया है ताकि आमजन को आवश्यकतानुसार शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा सके। फिर भी, यदि आमजन की ओर से जल का दुरुपयोग होता रहा, तो यह व्यवस्था बनाए रखना कठिन हो सकता है। इसलिए विभाग की आमजन से विशेष अपील है कि पेयजल का दुरुपयोग किसी भी स्थिति में न करें। पेयजल का इस्तेमाल वाहन धुलाई व सडक धोने में बिलकुल नहीं करें।
नलों को खुला न छोड़ें। अक्सर छोटे-छोटे लीकेज या खुले नल के कारण बड़ी मात्रा में जल व्यर्थ बह जाता है। ऐसे में सावधानी बरतें और नलों को उपयोग के बाद ठीक से बंद करें। टंकियों में जल ओवरफ्लो न होने दें। घरेलू टंकियों में पानी भरते समय ध्यान रखें कि जल ओवरफ्लो न हो। ओवरफ्लो रोकने के लिए ऑटो कट सिस्टम का प्रयोग किया जा सकता है। जल रिसाव की तुरंत सूचना दें। यदि आपके आसपास कहीं जल की पाइपलाइन में लीकेज या रिसाव नजर आता है, तो तुरंत निकटतम जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी कार्यालय को सूचित करें ताकि समय रहते सुधार किया जा सके।
निर्माण कार्यों में पेयजल का उपयोग न करें। शुद्ध पेयजल केवल पीने व घरेलू आवश्यकताओं तक सीमित रखें। बच्चों को भी जल बचत के लिए जागरूक करें। जल संरक्षण की भावना केवल बड़ों तक सीमित न रखें। अपने बच्चों को भी इस दिशा में प्रेरित करें ताकि वे बचपन से ही जल की महत्ता को समझें।
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग का मानना है कि यदि हर नागरिक अपनी जिम्मेदारी समझते हुए जल की बचत के प्रयासों में भागीदार बने, तो नहरबंदी जैसी स्थिति में भी सभी को समुचित मात्रा में शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो सकेगा। जल संरक्षण एक सामूहिक प्रयास है, जो प्रशासन और आमजन दोनों की सहभागिता से ही सफल हो सकता है। विभाग की ओर से पुनः अपील है कि श्हर बूंद अमूल्य है। इसे व्यर्थ न जाने दें। आज की बचत, कल का सम्बल है।





