Monday, November 25, 2024
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राजस्‍थान में युवा नीति-2024 तथा नई स्टेट स्किल पॉलिसी लाने की तैयारी

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जयपुर Abhayindia.com राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा है कि तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में देश विश्वभर में अग्रणी बने। इसके लिए प्रौद्योगिकी संस्थानों को विश्वस्तरीय बनाने के लिए सभी मिलकर कार्य करें। उन्होंने राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षण संस्थाओं को शोध अनुसंधान में मौलिक दृष्टि रखते हुए कार्य करने, पर्यावरण अनुकूल तकनीक अपनाने और विकसित भारत की संकल्पना के लिए प्रतिबद्ध होकर कार्य करने का आह्वान किया।

मुर्मु बुधवार को एमएनआईटी के 18वें दीक्षांत समारोह में संबोधित कर रही थीं। उन्होंने समारोह में 20 में से 12 स्वर्ण पदक छात्राओं को मिलने पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि लड़कियां आगे बढ़ती हैं, तो देश तेजी से विकास पथ पर आगे बढ़ेगा। उन्होंने संस्थान की फैकल्टी में एक तिहाई महिलाएं होने को भी महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि देश के प्रौद्योगिकी संस्थानों को नेशनल इंस्टीट्यूट के रूप में राष्ट्र महत्व के संस्थान का दर्जा दिया गया है कि ताकि इनके जरिए भारत तेजी से विकास पथ पर आगे बढ़े।

राष्ट्रपति ने समारोह में 805 स्नातक, 477 स्नातकोत्तर और 79 पीएचडी विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की और 20 स्वर्ण पदक प्रदान किए। उन्होंने छात्रों के लिए निर्मित अरावली छात्रावास का लोकार्पण भी किया। राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘विकसित भारत 2047‘ की जो संकल्पना संजोई है, उसका मूल आधार यही है कि देश सभी क्षेत्रों में तेजी से विकास की ओर आगे बढे़। इसमें युवाओं की भूमिका सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने युवाओं से अर्जित तकनीकी ज्ञान का राष्ट्र के विकास में उपयोग करने पर जोर दिया।

बागडे ने एमएनआईटी में ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस‘ विभाग की स्थापना की सराहना करते हुए कहा कि युवा टेक्नोक्रेट्स के लिए आने वाले समय में इससे महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि यांत्रिक ज्ञान जरूरी है, परन्तु इस ज्ञान के साथ यदि नैतिक और मानवीय मूल्य जुड़े रहेंगे तभी हम सबका साथ, सबका विकास को सही मायने में सफलीभूत कर पाएंगे।

उन्होंने कहा कि युवा शक्ति राष्ट्र की बौद्धिक संपदा है। उन्हें देश के लोकतंत्र और बहुलता के आदर्शों को पूरी तरह से समझते हुए ‘वसुधैव कुटुम्बकम‘ की भारतीय संस्कृति और ‘सर्वे भवन्तु सुखिन‘ के अंतर्गत सबके मंगल की कामना को ध्यान में रखते हुए भविष्य के लिए कार्य करना चाहिए। उन्होंने सभी को राष्ट्र आराधना करते हुए देश और समाज की उन्नति के लिए कार्य करने का आह्वान किया।

उन्होंने विद्यार्थियों को व्यसन मुक्त रहने और अपने अंदर नैतिक गुणों का अधिक से अधिक विकास किए जाने का आह्वान किया। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रकृति के साथ तालमेल रखने, पर्यावरण के प्रति संवेदनशील रहने और जो भी काम मिले, उसे लगन से करने पर जोर दिया।

बागडे ने कहा कि प्रयास रहेगा कि राजस्थान के सभी विश्वविद्यालय नैक रैंकिंग प्राप्त करें। पूरे देश में राज्य के विश्वविद्यालय गुणवत्ता की शिक्षा में अग्रणी रहें। उन्होंने संस्थान के आचार्यों का आह्वान किया कि वे विद्यार्थियों की बौद्धिक क्षमता में वृद्धि के लिए कार्य करें। नई शिक्षा नीति की मंशा के अनुरूप विद्यार्थियों को ऐसी शिक्षा प्रदान करें, जिससे वे रोजगार पाने के योग्य नहीं बल्कि रोजगार देने वाले बनें।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षा के क्षेत्र में नित नए आयाम स्थापित कर रही है। सरकार द्वारा आगामी 5 वर्षों में चार लाख सरकारी भर्तियां की जाएगी। इस वर्ष भी एक लाख से अधिक पदों पर भर्ती की जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा युवाओं के सर्वांगीण विकास के लिए युवा नीति-2024 तथा कौशल क्षमता विकास के लिए नई स्टेट स्किल पॉलिसी लाई जा रही है, जिससे युवाओं की प्रगति का मार्ग प्रशस्त हो सके।

शर्मा ने कहा कि युवाओें को स्टार्टअप स्थापित करने तथा उनमें उद्यमिता बढ़ाने के लिए अटल एंटरप्रेन्योरशिप प्रोग्राम शुरू किया जा रहा है, जिसके माध्यम से युवाओं को देश-विदेश के उत्कृष्ट सीईओ का मार्गदर्शन मिलेगा। साथ ही, इसके तहत चयनित स्टार्टअप्स को 10 करोड़ रूपए तक की फंडिंग भी उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि जयपुर, भरतुपर, बीकानेर और उदयपुर में एक हजार करोड़ रूपए की लागत से अटल इनोवेशन स्टूडियो एंड एक्सीलरेटर्स स्थापित किए जा रहे हैं, जिससे युवाओं को रोजगार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध हो सके।

शर्मा ने कहा कि तेजी से बदलते हुए परिदृश्य में विद्यार्थी अपनी विशेषज्ञता से न केवल नई तकनीक का विकास कर सकते हैं, बल्कि अनेक समस्याओं के समाधान में भी अपनी भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने सभी विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि वे अपनी असीमित क्षमता का उपयोग करते हुए देश और प्रदेश के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

एमएनआईटी के निदेशक प्रो. एन. पी. पाढ़ी ने संस्था का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि संस्थान को शोध और अनुसंधान में 15 पेटेंट मिले हैं। उन्होंने विश्वास दिलाया कि भविष्य में एमएनआईटी विश्वभर में अग्रणी संस्थान बनेगा।

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