बीकानेर Abhayindia.com टी.एम. लालानी एवं विरासत संवर्द्धन संस्थान बीकानेर और सुर संगम संस्थान जयपुर के संयुक्त तत्वावधान में उच्च स्तरीय भारतीय संगीत कार्यशाला 24 मई से 29 मई तक टी. एम. ऑडिटोरियम गंगाशहर में आयोजित होगी। सुरसंगम के के. सी. मालू ने बताया कि उक्त संगीत प्रशिक्षण कार्यशाला के संचालन और निर्देशन के लिए भारत के प्रसिद्ध संगीत गुरु पण्डित भवदीप जयपुर वाले मुम्बई से एवं विश्व प्रसिद्ध खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय के पूर्व वाइस चांसलर टी. उन्नीकृष्णन कोचीन से आएंगे।
सुर संगम के सचिव मुकेश अग्रवाल ने बताया कि इस कार्यशाला में भाग लेने वाले प्रशिक्षुओं के रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं। सभी चयनित प्रशिक्षु संगीत स्नातक ही होंगे और अपनी-अपनी संगीत कला तराशने के लिए बीस से अधिक प्रशिक्षु पूरे भारत से और 15 प्रशिक्षु बीकानेर क्षेत्र के भाग लेकर लाभान्वित होंगे। कार्यशाला के दौरान संगीत कार्यक्रम भी शाम को प्रस्तुत होंगे।
प्रशिक्षण कार्यशाला की सभी व्यवस्थाओं को सुनियोजित करने के लिए सुरसंगम के के.सी. मालू एवं मुकेश अग्रवाल ने बीकानेर आकर कर विरासत संवर्द्धन संस्थान के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक आयोजित की। जिसमें विरासत संवर्द्धन संस्थान के उपाध्यक्ष कामेश्वर प्रसाद सहल, हेमन्त डागा, सम्पतलाल दूगड़, जतनलाल दूगड़ व विरासत के संगीत प्रशिक्षक पण्डित पुखराज शर्मा आदि उपस्थित रहे। बैठक में कार्यशाला की पूरी योजना एवं सभी व्यवस्थाओं पर विस्तृत चिन्तन किया गया।
विरासत संवर्द्धन संस्थान के अध्यक्ष टी. एम. लालानी के कहा कि संगीत साधना निष्णात व्यक्तियों के लिए भी योग साधना जैसी ही है, और इसमें हमारा योगदान बने, यही आकांक्षा है। संगीतकार उपलब्धियां हासिल करें, यही हमारा उद्देश्य व लक्ष्य है। संगीत कार्यशाला में उपलब्ध सभी सुविधाएं निःशुल्क है। सभी प्रशिक्षुओं के लिए भोजन व्यवस्था के साथ ही बाहर से समागत प्रशिक्षुओं के लिए आवास व्यवस्था भी निःशुल्क है।
कार्यशाला का शुभारम्भ सत्र 24 मई को दोपहर 02ः30 बजे होगा। कार्यशाला में प्रशिक्षण के दो सत्र प्रतिदिन प्रातः 09ः30 बजे से दोपहर 12ः30 बजे एवं दोपहर 04ः00 बजे से सायं 07ः00 बजे तक होंगे। कार्यशाला का समापन सत्र 29 मई, 2024 दोपहर का होगा।
टी. एम. लालानी ने बताया कि इस कार्यशाला के मध्य शनिवार 25 मई को सायं 08ः30 बजे फिल्मी गीत व लोकसंगीत का आयोजन तथा 26 मई, रविवार की सायं 08ः30 बजे गजल एवं ठुमरी की प्रस्तुतियां होगी। जिसका लुत्फ बीकानेर के सभी संगीत प्रेमी ले सकेंगे। उन्होंने सभी के सहयोग व उपस्थिति की कामना की।