Friday, April 26, 2024
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क्या गुल खिलाएगी गहलोत को ‘भावी प्रधानमंत्री’ बनाने की गुगली?

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सुरेश बोड़ा/जयपुर/बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। पहले गुजरात और अब कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कद कांग्रेस में जिस तेजी से बढ़ता जा रहा है, लगता है उसे उनके विरोधी पचा नही पा रहे है। उनके कद को बौना करने के लिए गतिविधियों तेज हो गई है। ताजा घटनाक्रम के अनुसार फेसबुक पर एक पेज क्रिएट किया गया है- ‘श्री अशोक गहलोत 2019 भावी प्रधानमंत्री। सोशल मीडिया पर यह पेज भी उस समय सामने आया है जब कर्नाटक चुनाव के बीच राहुल गांधी सरेआम प्रधानमंत्री बनने की अपनी इच्छा सार्वजनिक कर चुके हैं।

राजनीति के पंडितों का कहना है कि गहलोत जैसा चतुर राजनीतिज्ञ तो ऐसी कोई गलती नहीं कर सकता। ये उनके विरोधियों की ही कोई चाल लग रही है, जिसमें वो गहलोत को लपेटना चाहते हैं। यहां गौरतलब है कि राजस्थान में इस वर्ष विधानसभा के चुनाव होने हैं। पिछले काफी समय से सचिन पायलट राजस्थान में कांग्रेस की कमान संभाले हुए हैं।कांग्रेस के अंदरूनी सूत्र बताते हैं गहलोत व पायलट के बीच चल रही नेतृत्व की रस्साकशी के बीच इस तरह की गतिविधि गहलोत को नुकसान पहुंचा सकती है।

बहरहाल, यह कहा जा सकता है कि गहलोत के प्रशंसक दोराहे पर खड़े नजर आ रहे हैं। एक पक्ष जहां उन्हें भावी प्रधानमंत्री के रूप में देख रहा है, वहीं दूसरा पक्ष उन्हें ऐसे जंझावतों से दूर रखना चाह रहा है। कहा जा रहा है कि राहुल गांधी के सक्रिय राजनीति में आने के बाद से उन पर लगातार उंगलियां उठती रही है। लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कई राज्यों में सत्ता से बेदखल होने पर भी राहुल की किरकिरी हुई है। ऐसे में विरोधी तो विरोधी, बल्कि कांग्रेस के भी कई नेता राहुल गांधी पर सवाल खड़े करने लगे हैं। वे राहुल को मोदी के टक्कर का नहीं मानते। सोशल मीडिया पर हो रही राहुल की फजीती को भी ऐसे लोग बर्दाश्त नहीं कर पा रहे।

इस बीच पंजाब, गुजरात और अब कर्नाटक विधानसभा चुनावों के दौरान अशोक गहलोत ने जो दमखम दिखाया है उससे राष्ट्रीय स्तर पर उनका कद निश्चित तौर पर बढ़ा है। प्रशंसकों का मानना है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में अशोक गहलोत मोदी का जवाब हो सकते हैं। साफ एवं स्वच्छ छवि के नेता गहलोत का आम कार्यकर्ताओं एवं जनता से सीधा जुड़ाव है। गहलोत ने अपने काम से यह भी जता दिया है कि कांग्रेस में ऐसे नेता खूब हैं जो पीएम मोदी का डटकर मुकाबला कर सकते हैं। अब आगे राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने हैं। वहां पर भ्ी अशोक गहलोत की रणनीति चलनी तय मानी जा रही है।

उक्त तीनों ही राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं। ऐसे में गहलोत सत्ता विरोधी लहर को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। उक्त चुनावों में यदि वे कांग्रेस के पक्ष में अच्छे नतीजे लाने में सफल रहे तो वे 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री के चेहरे के रूप में उभर सकते हैं। क्योंकि भाजपा ने राहुल गांधी के खिलाफ देशभर में जबदस्त माहौल बना दिया है। ऐसे में कांग्रेस के पास तुरुप के इक्के के रूप में गहलोत भावी पीएम का चेहरा बन जाए तो कोई आश्चर्य नहीं होगा। दूसरी ओर, गहलोत प्रशंसक यह भी जानते है कि उनके नेता का नाम भावी प्रधानमंत्री के रूप में उछलने पर उनका नुकसान भी हो सकता है, क्योंकि कांग्रेस के दिग्गज चेहरे अब भी गांधी परिवार के प्रति अपनी प्रतिबद्धता से पीछे हटने को तैयार नहीं है। ऐसे में गहलोत के नाम पर भावी प्रधानमंत्री की गुगली आने वाले वक्त में क्या गुल खिलाएगी? यह देखने वाली बात होगी।

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