Saturday, April 20, 2024
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भाजपा आलाकमान और राज्य नेतृत्व के बीच रस्साकसी ने रच दिया नया इतिहास

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सुरेश बोड़ा/जयपुर/बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। राजस्थान में भाजपा अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर आलाकमान और राज्य नेतृत्व के बीच 60 दिनों से चल रही रस्साकसी ने नया इतिहास रच दिया है। प्रदेश में वर्ष 1980 से लेकर अब तक 17 प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। ऐसा यह पहला मौका है, जब पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष का पद रिक्त हुए 60 दिन हो गए हैं। इससे पहले जब भी नया प्रदेश अध्यक्ष बनता था, उसी दिन पूर्व प्रदेश अध्यक्ष की विदाई हो जाती थी। फिलहाल पिछले चार दिनों से दिल्ली में चले हाई प्रोफाइल ड्रामे के बाद शनिवार को राजनीतिक हलचल एक बार फिर शांत हो गई है।

पार्टी सूत्रों की मानें तो भाजपा आलाकमान मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की ओर से प्रदेश अध्यक्ष के लिए सुझाए जा रहे किसी भी नाम पर सहमत नहीं है। वो अपनी पसंद के चेहरे को ही अध्यक्ष नियुक्त करना चाहता है। आलाकमान पिछले दिनों गजेन्द्र सिंह शेखावत के रूप में अपनी पसंद जाहिर कर चुका है, लेकिन मुख्यमंत्री खेमा अब भी इस नाम पर खुलकर विरोध में खड़ा दिखाई दे रहा है। पिछले चार दिनों से दिल्ली में मुख्यमंत्री कैम्प में शामिल रहे नेता सार्वजनिक निर्माण मंत्री युनूस खान, सिंचाई मंत्री रामप्रताप, राजेन्द्र सिंह राजस्थान लौट आए हैं। इससे लग रहा है कि अब पार्टी आलाकमान चार दिन तक नुराकुश्ती के बाद प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर एक बार फिर ठिठक गया है। राजस्थान में पिछले दो माह से प्रदेश अध्यक्ष का पद खाली है। अशोक परनामी ने 16 अप्रेल को इस पद से इस्तीफा दिया था।

पार्टी सूत्रों ने बताया कि आलाकमान के सामने परेशानी यह आ रही है कि गजेन्द्र सिंह शेखावत संघ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पसंद है। ऐसे में यदि शेखावत के नाम पर पार्टी पीछे हटती है तो यही माना जाएगा कि वह नरेन्द्र मोदी की पसंद से पीछे हट रही है। मुख्यमंत्री ने पिछले दो दिनों में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और राज्यसभा से सांसद ओम प्रकाश माथुर से मुलाकात कर चुकी है, लेकिन ये मुलाकातें नतीजों तक नहीं पहुंच पाई है।

इस बीच यह कयास तेज हो गया है कि आखिरकार प्रदेश अध्यक्ष मामले में अब कौन झुकेगा और किसकी जीत होगी? नेताओं के बीच चर्चा यह है कि यदि गजेन्द्र सिंह शेखावत अध्यक्ष नहीं बनते तो पार्टी आलाकमान की हार होगी और यदि गजेन्द्र सिंह शेखावत अध्यक्ष बनते हैं तो कहीं ना कहीं मुख्यमंत्री खेमे को झटका लगेगा।

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