Friday, April 19, 2024
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राजस्थान विधानसभा चुनाव : प्रदेश मे पहली बार होगा ऐसी मशीनों के जरिये मतदान

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जयपुर (अभय इंडिया न्यूज)। मुख्य निर्वाचन अधिकारी अश्विनी भगत ने कहा कि संपूर्ण प्रदेश में पहली बार वीवीपैट और ईवीएम एम-3 मशीनों के जरिए मतदान करवाया जाएगा। नई तकनीक से मतदान सुगम, सहज होने के साथ और अधिक पारदर्शी व निष्पक्षता के साथ सम्पन्न कराया जा सकेेगा।

भगत शासन सचिवालय परिसर में आयोजित ईवीएम और वीवीपैट की प्रथम स्तरीय जांच के संबंध में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहली बार 52 हजार से ज्यादा मतदान केंद्रों पर वीवीपैट मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा। ऐसे में निर्वाचन से जुड़े सभी अधिकारी प्रशिक्षण के बाद बेहतर परिणाम दे पाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में होने वाले चुनाव के लिए आयोग से 2 लाख ईवीएम और वीवीपैट मशीनें मंगवाई जा रही हैं।

कार्यशाला में हाल ही कर्नाटक में चुनाव सम्पन्न कराकर आए उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी और निर्वाचन आयोग के मास्टर ट्रेनर राघवेंद्र ने एम-3 ईवीएम और वीवीपैट के बारे में सभी अधिकारियों को विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने अपने पावर पॉइंट प्रजेंटेशन के जरिए मशीनों के रखरखाव से लेकर मोकपॉल, डेटा अपडेट, सिंबल लोडिंग, रियल टाइम क्लॉक, रैंडमाइजेशन यहां तक कि मशीन की तकनीकी जानकारियों से भी रूबरू करवाया। उन्होंने कहा कि अधिकारीगण एफएलसी के दौरान राजनैतिक दलों की मौजूदगी सुनिश्चित करें ताकि किसी भी प्रकार की शंका पैदा ना होने पाए।

हेरा-फेरी की कोई गुंजाइश नहीं

इस दौरान भारत निर्वाचन आयोग से आए मधुसूदन गुप्ता ने सभी अधिकारियों को आश्वस्त किया कि ईवीएम मशीनें किसी भी नेटवर्क या वायरलैस उपकरणों से जुड़ी नहीं होती, इसलिए इनमें हेराफेरी या हैकिंग किसी भी तरह संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि अधिकारी राजनैतिक दलों और आमजन में और अधिक जागरूकता लाने के लिए प्रचार-प्रसार करें ताकि लोकतंत्र के इस उत्सव के प्रति किसी के मन में कोई शंका ना रहे।

पीपीटी के जरिये दिया प्रस्तुतीकरण

इसी दौरान बीईएल (भारत इलेक्ट्रोनिक्स लिमिटेड) बैंगलौर से आए इंजीनियर नागराज जी. ने एफएलसी के बारे में तकनीकी पक्ष रखते हुए अधिकारियों को ‘क्या करें-क्या ना करें’ की विशेष चेकलिस्ट को भी साझा किया। इस अवसर पर ईवीएम के जानकार सुरेन्द्र जैन ने एफएलसी पर विस्तृत पीपीटी के जरिए प्रस्तुतिकरण भी दिया। कार्यशाला में एकीकृत प्रारूप मतदाता सूचियों की चैकलिस्ट की जांच एवं इसे आदिनांक करना, मतदान केंद्रों का भौतिक सत्यापन एवं पुनर्गठन संबंधी कार्य, मतदान केंद्रों पर न्यूनतम आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के संबंध में स्थिति, मतदाता सूचियों का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम की तैयारी जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई।

अधिकारियों ने समझी बारिकियां

कार्यशाला में सभी कलेक्टरों ने अलग-अलग समूह बनाकर इंजीनियरों, विशेषज्ञों और भारत निर्वाचन आयोग के उच्चाधिकारियों से एफएलसी से जुड़ी बारीक से बारीक जानकारियों को समझा। इस दौरान भारत निर्वाचन आयोग द्वारा सभी कलेक्टरों को ‘एफएलसी में कोई शंका नहीं’ संबंधित प्रमाण पत्र भी जारी किए गए। इस दौरान उप मुख्य निवार्चन अधिकारी विनोद पारीक, उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी (आईटी) एम. एम. तिवारी, मुख्य लेखाधिकारी सुभाष दानोदिया समेत कई अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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