Friday, April 19, 2024
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80 दिनों की यात्रा पर निकलेंगी ‘सरकार’, बताएंगी अपनी उपलब्धियां

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जयपुर (अभय इंडिया न्यूज)। प्रदेश की ‘सरकार’ को आगामी विधानसभा चुनावों की चिंता अभी से सताने लगी है। अब वो अपनी अब तक की उपलब्धियां जनता को गिनाने के लिए कमर कसने जा रही है। असल में, प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को हाल में उपचुनावों में हुई अपनी पार्टी की करारी हार के बाद विरोधियों के तीर झेलने पड़ रहे हैं। ऐसे में उन्होंने तय किया है कि सरकार की उपलब्धियां गिनाने के लिए वो गांव-शहर जाएंगी।

अधिकृत सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ‘सुराज गौरव यात्रा’ शुरू करने का निर्णय किया है। इस यात्रा की शुरूआत वो संभवत: 15 अप्रैल से करने जा रही है। यात्रा के तहत वो लगभग 80 दिनों तक राज्यभर का दौरा करेंगी। यात्रा में उनके साथ भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी सहित अन्य बड़े पार्टी पदाधिकारी एवं नेता होंगे। यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अपने अब तक के कार्यकाल में किए गए विकास कार्यों का लेखा-जोखा जनता के समक्ष पेश करेंगी। आमजन के लिए शुरू की गई सरकार की कल्याणकारी नीतियों के बारे में भी वो लोगों को बताएंगी। पार्टी सूत्रों के अनुसार सुराज गौरव यात्रा के दौरान भाजपा के लगभग 30 नेता विभिन्न जिलों में तीन-तीन दिन के प्रवास पर रहेंगे। इन नेताओं में भूपेंद्र यादव, अशोक परनामी समेत कई विधायकों का नाम शामिल है। इस दौरान पार्टी के नेता स्थानीय भाजपा नेताओं के अलावा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ताओं और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और भारतीय मजदूर संघ के नेताओं से भी विचार-विमर्श करेंगे और उन्हें वसुंधरा सरकार की उपलब्धियों से अवगत कराएंगे ताकि वो आमजन को इस बारे में जागरूक कर सकें।

उल्लेखनीय है कि इसी साल के अंत तक प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने प्रस्तावित हैं। ऐसे में पार्टी ने अभी से ही चुनाव जीतने की रणनीति बना ली है। अजमेर और अलवर संसदीय उप चुनाव और मांडलगढ़ विधानसभा सीट पर उप चुनाव में हार के बाद वसुंधरा राजे ने कहा था कि उन्होंने इन चुनावों में हार से सीख ली है। माना जा रहा है कि सूरज गौरव यात्रा मुख्यमंत्री की उसी रणमीति का हिस्सा है। वैसे पिछले कई विधानसभा चुनावों के नतीजे तो यही बताते हैं कि राजस्थान में सत्ताधारी पार्टियां कभी भी वापसी नहीं करती, अब यह देखना दिलचस्प होगा कि यह सरकार आगामी चुनावों को लेकर कितनी सफल हो पाती है?

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