Wednesday, April 24, 2024
Homeराजस्थानसंपादक से उनके निवास पर जाकर मिली मुख्यमंत्री वसुंधरा

संपादक से उनके निवास पर जाकर मिली मुख्यमंत्री वसुंधरा

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad

अजमेर (अभय इंडिया न्यूज)। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने शनिवार को अजमेर दौरे के दौरान अनेक कार्यक्रमों में शिरकत की। इस बीच उन्होंने दैनिक नवज्योति के प्रधान संपादक दीनबंधु चौधरी के निवास स्थान पर जाकर उनसे अनौपचारिक भेंट की। मुख्यमंत्री ने चौधरी के साथ शहर व जिले में चल रहे विकास कार्यों एवं स्मार्ट सिटी के कामों पर चर्चा की।

राजे पुष्कर रोड पर एक छात्रावास का उद्घाटन करने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं की मेरवाड़ा एस्टेट में आयोजित बैठक में जाते हुए चौधरी के निवास पहुंचीं। इस दौरान उन्होंने जिला कलक्टर आरती डोगरा को बुलाकर चौधरी द्वारा बताए गए कुछ कामों को शीघ्र पूरा कराने के निर्देश भी दिए। मुलाकात के दौरान उन्होंने चौधरी को उनकी विवाह की वर्षगांठ पर शुभकामनाएं भी दी।

इससे पहले मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने पुष्कर रोड पर गणपति नगर में नवनिर्मित राजपुरोहित छात्रावास का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा है कि बीते साढ़े चार साल में उनकी सरकार ने जिले व प्रदेश के विकास के लिए धन की कमी नहीं आने दी। राजे ने कहा कि कोई भी समाज शिक्षा के बिना विकास नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षा का विकास व विस्तार करते हुए इसमें आमूलचूल सुधार किया गया है। लगभग 5500 स्कूल क्रमोन्नत हुए हैं। प्रदेश सड़कों के मामले में अव्वल है। सरकार ने साढ़े 4 साल में अजमेर के विकास कार्यों के लिए 7600 करोड़ रुपए लगाए हैं, जबकि पिछली सरकार ने पांच साल में महज 2400 करोड़ रुपए ही खर्च कर पाई थी

125 मंदिरों का जीर्णोद्धार

उन्होंने कहा कि कोई भी महत्वपूर्ण कार्य तब तक सफल नहीं हो सकता, जब तक कि उसके पीछे साधु-संतों और देवी-देवताओं का आशीर्वाद न हो। आस्था और विश्वास से हर काम सफल होता है। संत-महात्माओं के आने से वातावरण बदल जाता है। भगवान परशुराम का स्मरण करते हुए राजे ने कहा कि सरकार ने सर्व ब्राह्मण समाज की मांग पर परशुराम जयंती को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। भगवान परशुराम का उनकी तपोस्थली मातृकुण्डिया में पैनोरमा बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 600 करोड़ रुपए की लागत से 125 मंदिरों का जीर्णोद्धार कराने के साथ ही संत एवं महापुरुषों के 40 पैनोरमा बनाए जा रहे हैं।

राजपुरोहितों का आशीर्वाद जरूरी

सीएम ने अपने सम्बोधन में उपचुनाव की हार को भी याद किया। उन्होंने कहा कि हार के बाद उन्हें राजपुरोहित समाज के कार्यक्रम में आने का न्यौता मिला तो उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया, क्योंकि राजपुरोहित समाज के आशीर्वाद के बिना कोई काम नहीं हो सकता है। पहले जब राजा- महाराजा युद्ध के मैदान में जाते थे। तब राजपुरोहित ही उन्हें तिलक लगाकर और आशीर्वाद देते थे। इसलिए वह भी आज राजपुरोहित समाज से आशीर्वाद लेने आई हैं।

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad
Ad
- Advertisment -

Most Popular